शिमला , 10 अप्रैल : हिमाचल प्रदेश के तीनों निर्दलीय विधायकों की इस्तीफा मंजूर न करने सम्बंधी याचिका पर बुधवार को हिमाचल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश एम. रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने निर्दलीय विधायकों की ओर से दिए इस्तीफों पर निर्णय नहीं करने को लेकर हिमाचल विधानसभा सचिवालय को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
विधानसभा सचिवालय को 24 अप्रैल तक जवाब दायर करने को कहा गया है। तीन निर्दलीय विधायक होशियार सिंह, कृष्ण लाल ठाकुर और आशीष शर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इस्तीफ़ा स्वीकार न होने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। अपनी याचिका में इन विधायकों ने 22 मार्च से उनका इस्तीफा स्वीकार करने की मांग की है। विधायकों का कहना है कि बिना किसी दबाव के उन्होंने इस्तीफा दिया है। बाद में तीनों निर्दलीय विधायक विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश हुए और उन्हें लिखित तौर पर बताया कि उन्होंने स्वेच्छा से बिना किसी दवाब के अपनी सदस्यता से त्यागपत्र दिया है। दरअसल विधानसभा अध्यक्ष ने तीनों निर्दलीय विधायकों को उनके इस्तीफे के सम्बंध में कारण बताओ नोटिस जारी कर तलब किया था।
निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के कारण बताओ नोटिस का लिखित जवाब दे दिया है। उन्होंने लिखित में दिया है कि तीनों ने अपनी मर्जी से विधायक़ी छोड़ी है और इस्तीफा देने की तारीख से इसे मंजूर किया जाए। होशियार सिंह के मुताबिक उन्होंने यह बात स्पीकर को मौखिक रूप से भी कही है। स्पीकर हमारे जवाब से संतुष्ट नजर आए हैं और उन्हें उम्मीद है कि वे तीनों का इस्तीफा जल्द मंजूर कर लेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि स्पीकर द्वारा इस्तीफा मंजूर होने पर वे प्रदेश हाईकोर्ट में इस सम्बंध में दायर की गई याचिका को वापिस लेंगे। होशियार सिंह का कहना है कि उन्होंने 22 मार्च को अपनी इच्छा से इस्तीफा दिया है। उन पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं था। ऐसे में विधानसभा स्पीकर को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लेना चाहिए।
वहीं विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि तीनों निर्दलीय विधायकों के 22 मार्च को इस्तीफा देने के अगले दिन 23 मार्च को उन्हें कांग्रेस के कुछ विधायकों की ओर से शिकायत पत्र प्राप्त हुआ था। बतौर स्पीकर उनका यह दायित्व है कि वह विधायकों की शिकायत पर भी ध्यान दें। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस विधायकों की ओर से मिले शिकायत पत्र की भी जांच कर रहे हैं। कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि जब तीनों निर्दलीय विधायक व्यक्तिगत तौर पर उनके पास इस्तीफे की प्रति लेकर पहुंचे, तो उनके साथ भाजपा के विधायक डॉ. जनक राज और बलवीर वर्मा भी थे। ऐसे में पूरे मामले की जांच करना उनका दायित्व है। उन्होंने कहा कि अभी यह मामला हाईकोर्ट में भी पहुंच चुका है। ऐसे में वह चाहकर भी अब इस पूरे मामले को खत्म नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने उनसे बतौर विधानसभा स्पीकर 24 अप्रैल को जवाब मांगा है।
उल्लेखनीय है कि इस्तीफा मंजूर न होने पर तीनों निर्दलीय विधायक कुछ दिन पहले विधानसभा परिसर में धरना देकर अपना विरोध जाहिर कर चुके हैं। निर्दलीय विधायकों का आरोप है कि स्पीकर सरकार के दवाब में काम कर रहे हैं। तीनों निर्दलीय विधायक कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि इन्होंने बिना किसी दबाव के स्वेच्छा से अपने इस्तीफे दिए हैं और स्पीकर को ये तत्काल मंजूर कर लेने चाहिए। दरअसल 27 फरवरी को हिमाचल की एकमात्र राज्यसभा सीट पर चुनाव के दौरान तीनों निर्दलीय विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था। हालांकि इससे पहले निर्दलीय विधायक राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे थे।