दो साल तक की सजा हो सकती : बाल विवाह करवाने या बढ़ावा देने में सहायक व्यक्तियों को – स्वाति डोगरा

by
बाल विवाह रोकने व बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के प्रति जाग़रूक करने को लेकर बैठक आयोजित,  एसडीएम स्वाति डोगरा ने की अध्यक्षता
18 वर्ष से कम आयु की लड़की और 21 वर्ष से कम आयु का लड़का नाबालिग
धर्मपुर, 16 अप्रैल। :  एसडीएम धर्मपुर स्वाति डोगरा ने कहा कि बाल विवाह को रोकने के लिए समाज में जागृति लाने की जरूरत है। वह बाल विवाह को रोकने व बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रही थी।
बैठक में उन्होंने बताया कि बाल विवाह को रोकने व उसके कानूनी प्रावधानों के कार्यान्वयन के साथ-साथ समाज में जागृति लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अंतर्गत 18 वर्ष के कम आयु की लड़की और 21 वर्ष से कम आयु के लड़के को नाबालिग माना जाता है। नाबालिगों द्वारा किया गया विवाह गंभीर और गैर-जमानती अपराध है। साथ ही विवाह अमान्य होने पर विवाह के समय दूसरे पक्ष की ओर से प्राप्त उपहारों, गहनों व धनराशि इत्यादि को भी वापिस करना होता है।
May be an image of 9 people, people studying and table
उन्होंने बताया कि बाल विवाह होने की सूरत में सम्बंधित अभिभावकों, संलिप्त मैरिज हाल, पंडित, मौलवी, अभिभावकों, बैंड वाले, टैन्ट वाले, डीजे और कैटर्स भी अपराधी की श्रेणी में आते हैं। उन्होंने बताया कि बाल विवाह करवाने या बढ़ावा देने में सहायक व्यक्तियों को दो साल तक की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों भी हो सकते हैं।
उन्होंने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि बाल विवाह के आयोजन से संबंधित जानकारी, जिलाधिकारी, उप-मण्डलाधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ), नजदीकी पुलिस थाना को दी जा सकती है।
उन्होंने पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 व 1090 पर भक सूचित करने के लिए कहा ताकि तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने सम्बंधित सभी से बाल विवाह की आशंका को देखते हुए लड़का-लड़की के बालिग होने की पुष्टि हेतू उनके जन्म तिथि से सम्बंधित कागजात देखने के लिए भी कहा।
एसडीएम ने बैठक में उपस्थित विभिन्न विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों, पुजारियों, कैटरिंग, टैंट व डीजे वालों से आग्रह किया कि यदि उनके ध्यान में बाल विवाह होने की बात सामने आए तो इसकी तुरंत सूचना संबंधित अधिकारियों को देकर बाल विवाह जैसी बुराई को जड़ से समाप्त करने में सहयोग प्रदान करें।
एसडीएम ने महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग तथा पुलिस विभाग को ग्रामीण स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, महिला मण्डलों एवं पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से समाज के सभी लोगों को बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के सभी प्रावधानों की जानकारी देने के निर्देश दिए।
बैठक में सभी सम्बंधित विभागों के अधिकारियों व पदाधिकारियों ने भाग लिया।
Share
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

You may also like

article-image
पंजाब

फलाही में झुग्गियों को आग लगने के कारण प्रभावित परिवारों की रेड क्रास ने मदद की

होशियारपुर, 20 दिसंबरः डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल के दिशा निर्देशों पर रेड क्रास सोसायटी की टीम ने गांव फलाही में आग से प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री मुहैया करवाई। गांव फलाही में झुग्गियों, झोंपड़ियों में...
article-image
दिल्ली , हिमाचल प्रदेश

नूरपुर के एसपी अशोक रतन को कांगड़ा का एडिशनल चार्ज : एसपी शालिनी अग्निहोत्री को केंद्र में नई जिम्मेदारी

एएम नाथ। धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश कैडर की 2012 बैच की आईपीएस अधिकारी शालिनी अग्निहोत्री को केंद्र सरकार में नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। शालिनी अग्निहोत्री को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली भेजा गया है,...
article-image
पंजाब

Indian Army joins people of

Chandigarh/Daljeet Ajnoha/Sept.2 : Punjab is battling one of the toughest flood situations in recent times as heavy rainfall and overflowing rivers have caused devastation across several districts. In this time of crisis, the Indian...
article-image
पंजाब

कोरोना के कारण आर्दश वैल्फेयर सोसायिटी दुारा धीआं की लोहडी का प्रोग्राम रद्द: सोनी

गढ़शंकर। आर्दश सौशल वैल्फेयर सोसायिटी दुारा गांव बढ़ेसरों में नौ जनवरी को धीआं दी लोहड़ी मनाए जाने के लिए आयोजित समागम को कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण रद्द कर दिया गया। यह जानकारी...
Translate »
error: Content is protected !!