नई दिल्ली : पंजाब में नगर निगम और नगर परिषद के होने वाले चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की। शीर्ष अदालत ने आज भारतीय जनता पार्टी, शिरोमणि अकाली दल और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के संभावित उम्मीदवारों द्वारा दायर एक हस्तक्षेप आवेदन में पंजाब राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है।
हस्तक्षेप आवेदन में आरोप लगाया गया है कि उन्हें नामांकन दाखिल करने से व्यवस्थित रूप से रोका गया था.।
सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने पटियाला में नगर निगम चुनाव के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के 13 दिसंबर के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अनुमति याचिका दायर की है। याचिका में आरोप लगाया था कि नामांकन के दौरान पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में उत्पीड़न किया गया. लोगों को नामांकन दाखिल करने से रोक दिया गया।
हाई कोर्ट में भी दायर की गई है याचिका : इस मामले से जुड़ी एक याचिका पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में भी दायर की गई थी. इस याचिका में भी आशंका जाहिर की गई थी कि जिस तरह से पंचायत चुनाव के दौरान गड़बड़ी देखने को मिली थी वैसे ही नगर निगम के चुनाव में भी गड़बड़ी हो सकती है. इसके बाद हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग को पूरी प्रक्रिया का वीडियोग्राफी कराने का निर्देश दिया था।
इसके बाद याचिकाकर्ता की ओर से अवमानना याचिका दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया था कि पुलिस की मौजूदगी में कई जगहों पर उत्पीड़न हुआ. हाई कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई की और अधिकारियों को फटकारा। इस बीच मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया।
21 दिसंबर को डाले जाएंगे वोट : पंजाब के 5 जिलों में 21 दिसंबर को नगर निगम चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। इसके लिए चुनाव आयोग की और तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. चुनाव में सत्ताधारी दल आम आदमी पार्टी के 700 से अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं। चुनाव के लिए 9 दिसंबर नामांकन की आखिरी तारीख थी ।