मोहाली। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर 25 महीने में पैसे डलब करने झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी मारने वाला हरसुख स्टडी वीजा एंड इमिग्रेशन कंपनी के फरार मालिक व पंजाब पुलिस से रिटायर्ड मोहन सिंह को पुलिस ने देर रात चंडीगढ़ से गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपी ने एक बार पुलिस हिरासत में आने के बाद भागने का प्रयास किया था लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को रविवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा। आरोपी मोहन सिंह व अश्वनी शर्मा के खिलाफ मटौर थाने में धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
नयागांव के रहने वाले साहिल वर्मा की शिकायत पर यह केस दर्ज हुआ था। शिकायतकर्ता के बताने अनुसार उसने 2023 से लेकर मई 2024 तक कंपनी को करीब 18 लाख 60 हजार रुपये दिए। उसने अपने दोस्तों के भी दो लाख रुपये कंपनी में निवेश करवाए। उसके बाद अचानक कंपनी ने प्लान बंद कर दिया और पैसे ठग लिए। दरअसल मोहन सिंह, अरमान सिंह, इंदरदीप सिंह और अश्वनी शर्मा ने मिलकर एक साथ क्वाइन क्रिप्टो करंसी के नाम से एक कंपनी बनाई थी।
उन्होंने निवेशकों को 25 महीने में पैसे डबल करने का लालच दिया। आरोपियों ने पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, यूपी और विदेशों में बैठे कई लोगों को ठगी का शिकार बनाया और 8 से 10 करोड़ रुपये ठग लिए। बताया जा रहा है कि इस ठगी का मुख्य आरोपी और मास्टर माइंड मोहन सिंह पंजाब पुलिस से रिटायर्ड है। उसने अपनी नौकरी से वीआरएस ले ली थी ओर उसके बाद फेज-7 में हरसुख स्टडी वीजा और इमिग्रेशन नाम से कंपनी खोली ली थी। पैसों का सारा लेन-देन मोहन सिंह इमिग्रेशन कंपनी में ही करता था।