ग्वालियर। आतंकी अर्श डल्ला के इशारे पर डबरा में हुए जसवंत हत्याकांड में रैकी करने वाले दस हजार के इनामी हरजीत सिंह उर्फ जीता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जीता शिवपुरी के कोलारस में छिपा था।
मुखबिरी पर डबरा थाना पुलिस ने शनिवार को कोलारस पहुंचकर आरोपित को धर दबोचा। पूछताछ में उसने खुद को बेलगढ़ा के ग्राम मस्तूरा का रहने वाला बताया है। बता दें कि हत्याकांड में मारे गए जसवंत के साले सतपाल ने कनाडा से जीता के खाते में शूटर्स को देने ढाई लाख रुपये भी डाले थे।
पैरोल पर आए जसवंत को गोलियों से भूना था : हत्या के आरोप में आजीवन कारावास काट रहा जसवंत 28 अक्टूबर को पैरोल पर आया था। सात नवंबर को जब जसवंत सिंह गिल उर्फ सोनी सरदार (45) घर के बाहर टहल रहा था तभी बाइकसवार दो युवक वहां आए और जसवंत को आवाज दी। जसवंत के पलटते ही उन्होंने उसे गोलियां मार दीं और फरार हो गए। जसवंत ने अस्पताल उसे मृत घोषित कर दिया।
पत्नी के ममेरे भाई की थी हत्या : मूल रूप से कैथी गांव में रहने वाले जसवंत सिंह गिल ने 2016 में ग्वालियर जिले के महाराजपुर में सुखविंदर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। सुखविंदर सिंह, जसवंत की पत्नी के मामा का बेटा था। सुखविंदर का बड़ा भाई सतपाल सिंह कनाडा में रहता है।
पहले मददगार हुआ था गिरफ्तार : डबरा के जसवंत गिल हत्याकांड में सरगना सतपाल सिंह के बचपन के दोस्त अजय कुमार को पुलिस ने आरोपित बनाया है। पुलिस ने जब पड़ताल की तो सामने आया कि उसने शूटरों को होटल में रुकवाया। फिर पंजाब तक छोड़ने में मदद की। सतपाल ने अपने खाते से इसे रुपए भेजे तो खाते से रुपए निकालकर शूटर नवजोत सिंह और अनमोलप्रीत सिंह को दिए। अजय पहले तो बता रहा था कि उसे इस बारे में कुछ नहीं पता। इतने साक्ष्य मिलने के बाद पुलिस ने उसे आरोपित बनाया। उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
पंजाब में गिरफ्तार शूटरों से पूछताछ करने गई थी पुलिस : ग्वालियर में पैरोल पर आए जसवंत सिंह गिल की हत्या करने वाले दो शूटरों से पूछताछ करने के लिए मप्र के ग्वालियर पुलिस की एक टीम फरीदकोट गई थी। दोनों शूटरों नवजोत सिंह उर्फ नीटू व अनमोल प्रीत सिंह तथा इनके साथी बलवीर सिंह को नौ नवंबर खरड़ से गिरफ्तार किया गया था। दोनों शूटरों ने आतंकी अर्श डल्ला के कहने पर जसवंत की हत्या की थी। मध्य प्रदेश पुलिस ने आरोपितों से पूछताछ भी की। दोनों शूटरों ने फरीदकोट में वारिस पंजाब दे के अध्यक्ष व अलगावादी सांसद अमृतपाल के करीबी रहे गुरप्रीत सिंह की हत्या भी की थी।