शिमला : कांग्रेस की नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के अभिनंदन के लिए शिमला के चौड़ा मैदान में रैली कर से कांग्रेस ने शक्तिप्रदर्शन के साथ साथ एकजुटता का संदेश दिया। लेकिन कुछ वरिष्ठ नेताओं की अनुपस्थिति चर्चा का विषय भी रही।
नवनियुक्त प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने हाईकमान का आभार व्यक्त करते हुए कहा के सोनिया गांधी ने मुझे अध्यक्ष बना मार महिलाओं को सम्मान दिया है। उन्हीनो ने कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर अपने अपने क्षेत्र में काम शुरू करने को कहा। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में मंडी सीट भी कठिन नजर आ रही थी। भीमा काली के आशीर्वाद और वीरभद्र सिंह के काम की बदौलत चुनाव में जीत िमली थी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार पर महंगाई , बेरुजगारी व अन्य मुद्दों को लेकर जमकर प्रहार किऐ। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सोनिया गांधी के हिमाचल कांग्रेस में किए बदलाव से कांग्रेस में नया जोश आया है। इस जोश से अभ बदलाव तय हो चुका है ।
कोल सिंह ने प्रतिभा को सहयोग देने का दिया आश्वाशन : कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि भ्रष्ट सरकार को सत्ता से बाहर कर कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी। विकास के मसीहा वीरभद्र सिंह की कमी हमेशा खलती रहेगी। उन्हींनो ने प्रतिभा सिंह को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।
अग्निहोत्री ने कहा बीरभद्र दिलो में बस्ते थे आज भी कर रहे मिस : नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि वह वीरभद्र सिंह को आज भी हम मिस कर रहे हैं। राजा बीरभद्र दुआरा किए कामो के चलते आज भी वह जनता के दिलो में वसते है। संगठन में बदलाव के बाद हर कार्यकर्ता उत्साहित है। उन्होंने कहा जयराम ठाकुर को कुर्सी छोड़ ओकओवर को खाली करने की प्रकिर्या शुरू कर देनी चाहिए। । उन्हींनो ने कहा कि आगामी चुनाव में भाजपा 2 अंकों तक नही पहुंच पाएगी । उन्होंने कहा कि 2200 करोड़ की पाइप खरीदी गई। लूट का सौदा किया गया है। 10 ठेकेदारों को ठेका। 1000-1000 करोड़ के ठेके दिए हैं।
मरने से पहले एक बार कांग्रेस को सत्ता में लाने की इच्छा : पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम शर्मा ने कहा कि मरने से पहले एक बार कांग्रेस को सत्ता में लाने की इच्छा हैं।
जिनके अनुपस्थित रहने से शिमला की ठंडी हवाओं में आई गर्मी : वरिष्ठ नेत्री व विधायक आशा कुमार, सुधीर शर्मा, बाबा हरदीप सिंह, पूर्व विधायक यादविंदर गोमा और पूर्व विधायक सुभाष मंगलेट प्रमुख है। हालांकि इनके अनुपस्थिति निजी कारणों से भी हो सकती है। लेकिन इस अनुपस्थिति ने शिमला की ठंडी फिजाओं के बाबजूद राजनीतिक हलकों में गर्मी ला दी है।