गढ़शंकर : डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब ने पंजाब यूनिवर्सिटी के सिंडिकेट द्वारा पंजाबी भाषा विषय को लेकर लिए गए फैसले की कड़ी निंदा की है। डीटीएएफ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम देव सिंह, महासचिव मुकेश कुमार, वित्त सचिव अश्विनी अवस्थी और जिलाध्यक्ष सुखदेव डानसीवाल ने कहा कि केंद्र में संघ परिवार के निर्देशों पर में
काम कर रही मोदी सरकार देश दुआरा भाषाई विविधता को खत्म करने के एजेंडा के तहत तैयार की गई नई शिक्षा नीति 2020 पंजाबी भाषा को खत्म करना चाहती है और एक भाषा एक देश के तहत देश की क्षेत्रीय इंक़लाबी भाषाओं को खत्म करना चाहती है। इसी क्रम में पंजाब यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में पंजाबी भाषा को तवदील कर किसी एक वर्ष पढ़ने की नीति को लागू किया जा रहा है। जिसे मातृभाषा प्रेमी कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
इस समय डीटीएफ नेता जरनैल सिंह, सतपाल केलर, प्रदीप कुमार गुरु, जसविंदर सिंह, जसप्रीत सिंह, हंस राज गढ़शंकर, गुरमेल सिंह, मनजिंदर कुमार आदि ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि विश्वविद्यालय पंजाबी विषय को पहले की तरह नहीं रखता है तो डी.टी.ए.एफ., छात्र ,किसान और श्रमिक संगठन संघर्ष करेंगे।