अबोहर। गांव काला टिब्बा स्थित सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल में अंग्रेज़ी अध्यापक की लंबे समय से अनुपस्थिति को लेकर विद्यार्थियों और ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। सुबह भीषण ठंड और घनी धुंध के बीच बच्चों ने स्कूल के बाहर धरना लगाकर शिक्षा विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। धरने पर बैठे बच्चों का आरोप है कि स्कूल में तैनात अंग्रेज़ी अध्यापक रमेश कुमार पिछले करीब तीन महीनों से स्कूल नहीं आए हैं, जिससे उनकी पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। बच्चों का कहना है कि न तो नियमित अध्यापक आ रहा है और न ही उसकी जगह कोई वैकल्पिक शिक्षक भेजा गया है, ऐसे में परीक्षा नजदीक होने के कारण वे भारी मानसिक तनाव में हैं।
सीएमसी कमेटी के पदाधिकारी कालूराम ने कहा कि तीन महीनों से अंग्रेज़ी का एक भी पीरियड नहीं लग पाया है। यदि आगे चलकर बच्चे परीक्षाओं में असफल होते हैं तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? उन्होंने आरोप लगाया कि संबंधित अध्यापक ने अपने गांव भागू में निजी स्कूल खोल रखा है और वहीं पढ़ा रहा है। इस संबंध में वे कई बार जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) और हलके के विधायक को अवगत करा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
इधर, गांव के सरपंच ने भी शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने स्वयं कई बार डीईओ को फोन किया, लेकिन फोन तक नहीं उठाया गया। यहां तक कि विधायक द्वारा भी अध्यापक भेजने की सिफारिश की गई, जिसे नजरअंदाज कर दिया गया।
इस दौरान सरपंच ने डीईओ को लाइव फोन किया, जिस पर डीईओ ने 31 दिसंबर तक का समय मांगते हुए 1 जनवरी से उक्त अध्यापक के स्थान पर नया अध्यापक भेजने का आश्वासन दिया। हालांकि ग्रामीण और बच्चे इस आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुए। उनका कहना था कि जब तक डीईओ स्वयं मौके पर आकर लिखित में भरोसा नहीं देते, तब तक धरना जारी रहेगा। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि कड़ाके की ठंड में बच्चों के बीमार होने की स्थिति में इसकी पूरी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग और डीईओ की होगी।
