नई दिल्ली। दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी बनकर छतरपुर के डीएलएफ फार्म्स में सात लोगों ने जबरन 20 करोड़ रुपये की वसूली करने की कोशिश की। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने एक बिजनेसमैन के घर में घुसकर उसे गिरफ्तार करने की धमकी दी थी। यह कथित घटना पिछले साल 21 अक्टूबर को हुई थी, जब आरोपी 56 साल के बिजनेसमैन के घर रात 11.15 बजे पहुंचे थे।
फॉर्मल कपड़े और मास्क पहने हुए, आरोपी दो कारों में बिजनेसमैन के घर पहुंचे और तलाशी लेने लगे। उन्होंने कथित तौर पर परिवार के सभी सदस्यों के फोन जब्त कर लिए और उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया। उन्हें गिरफ्तार करने और उनके तीन बच्चों को राज्य की निगरानी में अनाथालय में रखने की धमकी देते हुए उन्होंने उनसे पैसे मांगे। एफआईआर में लिखा है, ‘मैं (बिजनेसमैन) बहुत परेशान था और मैंने उनसे कहा कि इतनी बड़ी रकम सिर्फ बैंक से ही निकाली जा सकती है।
पुलिस ने बताया कि सातों आरोपी रात भर बिजनेसमैन के घर पर रुके और अगली सुबह जब वे हौज खास में बैंक जा रहे थे, तो व्यवसायी को अपना फोन वापस मिल गया और उसने मैनेजर और वकील को घटना के बारे में मैसेज भेजा। वकील तुरंत बैंक पहुंचा और पीड़ित को बताया कि उसके साथ धोखाधड़ी हो रही है। पुलिस ने बताया कि आरोपी को जब पता चला कि वकील और अन्य कर्मचारी आ गए हैं, तो वे बैंक में उसे छोड़कर भाग गए।
पुलिस ने बताया कि पीड़ित एक व्यापारी है जो एक्सपोर्ट का कारोबार करता है और दिल्ली-एनसीआर में गेस्टहाउस का मालिक है। एडिशनल पुलिस कमिश्नर (अपराध) संजय सैन ने बताया कि टीम ने बुधवार को मुख्य आरोपी इकबाल कुरैशी और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया है। सैन ने बताया कि कुरैशी प्रिंस तेवतिया गिरोह का सदस्य है। तेवतिया की अप्रैल 2023 में तिहाड़ जेल में हत्या कर दी गई थी, लेकिन उसका गिरोह दक्षिणी दिल्ली में सक्रिय है और कार लूट, हत्या, जबरन वसूली और डकैती में शामिल है।
एक जांच अधिकारी ने बताया, ‘सीसीटीवी फुटेज में एक व्यक्ति की पहचान कुरैशी के रूप में हुई है, जो पहले शिकायतकर्ता के घर पर काम करता था।’ उन्होंने बताया कि कुरैशी शहर से भाग गया है। बुधवार को सूचना मिलने के बाद कुरैशी और उसके साथी अरुण लाल को मालवीय नगर से गिरफ्तार कर लिया गया।