एएम नाथ। शिमला : हिमाचल प्रदेश में बिजली महंगी हो गई है। हिमाचल प्रदेश के 27 लाख बिजली उपभोक्ताओं को अब बिल में पर्यावरण और दूध संबंधी सेस भी देना होगा। इससे हिमाचल प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं को हर यूनिट बिजली पर 10 पैसे और अन्य को हर यूनिट बिजली पर 2 पैसे से 6 रुपए तक देना होगा।
घरेलू उपभोक्ताओं पर सिर्फ दूध का सेस जुड़ेगा। हिंदी अखबार अमर उजाला की खबर के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों के साथ ही वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, स्टोन क्रशर, अस्थायी बिजली कनेक्शन और चार्जिंग स्टेशनों के मालिकों को भी दूध और पर्यावरण संबंधी सेस देने होंगे। इन सभी को 2 पैसे से 6 रुपए तक पर्यावरण और 10 पैसे दूध का सेस देना पड़ेगा।
हिमाचल प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को इस तरह काफी पैसा अपनी जेब से बहाना पड़ेगा। इसी महीने से सेस लागू किया गया है। खबर के मुताबिक पर्यावरण सेस लेने के लिए उद्योगों को 3 श्रेणियों में बांटा गया है। लघु उद्योगों को सेस के तौर पर 2 पैसे प्रति यूनिट, मध्यम दर्जे के उद्योगों को 4 पैसे प्रति यूनिट और बड़े उद्योगों को 10 पैसे प्रति यूनिट बिजली पर सेस देना होगा। वहीं, वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को पर्यावरण सेस के तौर पर बिजली की हर यूनिट पर 10 पैसे चुकाने होंगे। अस्थायी बिजली कनेक्शनों पर हर यूनिट 2 रुपए का पर्यावरण सेस लगेगा। जबकि, स्टोन क्रशर चलाने वालों को भी इतना ही सेस देना होगा। बिजली के वाहनों की चार्जिंग करने के लिए लगाए गए स्टेशन मालिकों को पर्यावरण सेस के तौर पर बिजली के हर यूनिट पर 6 रुपए सेस देना होगा। इससे हिमाचल प्रदेश में बैटरी चालित वाहनों से आवागमन भी महंगा होना तय है।
हिमाचल प्रदेश में सुखविंद सिंह सुक्खू की कांग्रेस सरकार ने 2024 में विधानसभा के मॉनसून सत्र में बिजली यूनिट पर सेस लगाने संबंधी एक्ट को पास कराया था। इसे हिमाचल प्रदेश के गवर्नर ने भी मंजूरी दे दी थी। इसके बाद हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड को बिल में सेस जोड़ने के लिए अपने सॉफ्टवेयर में बदलाव की शुरुआत करनी पड़ी। जानकारी के मुताबिक इस महीने जब हिमाचल में लोगों को बिजली का बिल मिलेगा, तो उसमें सेस जुड़कर आएगा। जिन घरेलू उपभोक्ताओं का बिल शून्य आएगा, उनसे दूध संबंधी सेस नहीं लिया जाएगा।