अमृतसर। असम के जेल में बंद गुरप्रीत सिंह हत्याकांड में नामजद डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने आरोप लगाया है कि सरकार ने अपनी कुर्सी को बचाने के लिए और अमृतपाल सिंह की छवि खराब करने के लिए उनके बेटे पर UAPA लगाया गया है।
उन्होंने कहा, “यह सभी राजनीतिज्ञ जानते हैं कि अगर अमृतपाल सिंह बाहर आ गया तो उनकी सीटें खतरे में पड़ जाएंगी। पहले भी उस पर NSA लगाकर उसको जेल में रखा गया है,अब उस पर UAPA लगा दिया गया है।मैं भारत सरकार और भारतीय एजेंटों से पूछना चाहता हूं कि आप बिना पूछे और जांच किए उस पर केस कैसे लगा सकते हैं। जब से वारिस पंजाब के चीफ अमृतपाल चुनाव जीतकर सांसद बना हैं,तब से राजनीति द्वारा अमृतपाल सिंह को रोकने के लिए किसी न किसी तरह का दुष्प्रचार किया जा रहा है। इस तरह की हरकतों की वजह से सरकार का चेहरा जनता के सामने बेपर्दा हो गया है।”
यूएपीए लगाने के बाद बढ़ जाएंगी अमृतपाल की मुश्किलें : वारिस पंजाब संस्था के पूर्व वित्तसचिव और पंथक संगठनों से जुड़े गुरप्रीत सिंह हरी ने हत्याकांड में नामजद डिब्रूगढ़ जेल में बंद श्री खडूर साहिब से निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह व विदेश में बैठे आतंकी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला समेत अन्य सभी आरोपियों पर पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा भी लगा दी है।
जानकारी के अनुसार, गुरप्रीत सिंह हरी की पिछले साल 9 अक्टूबर को मोटरसाइकिल सवार शूटरों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी थी और इस केस की जांच कर रही पंजाब पुलिस की एसआईटी ने जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर सांसद अमृतपाल सिंह खालसा व आंतकी अर्श डल्ला को भी नामजद किया था। इस केस में पुलिस द्वारा हत्या करने वाले दोनों शूटरों,रेकी करने वाले 3 आरोपियों के अलावा उनका साथ देने वाले सह आरोपी भी पकड़े जा चुके है जोकि इन दिनों न्यायिक हिरासत के चलते जेल में बंद है। अब एसआईटी ने इस केस में यूएपीए की धारा भी लगा दी है जिसके बारे में अदालत को लिखित रूप में जानकारी दी गई है। यूएपीए लगने के बाद पहले ही एनएसए के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद सांसद अमृतपाल सिंह खालसा की मुश्किलें बढ़ जाएगी।
इस मामले में एसपी फरीदकोट जसमीत सिंह ने बताया कि गुरप्रीत सिंह हत्याकांड में पुलिस ने जांच में सामने आए तथ्यों पर केस के आरोपी अमृतपाल सिंह व आतंकी अर्श डल्ला समेत अन्य आरोपियों पर यूएपीए की धारा लगाई गई है जिसके बारे में नियमों के मुताबिक अदालत को भी जानकारी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि केस के अभी जांच अधीन होने के कारण इससे ज्यादा कोई और जानकारी को साझा नहीं किया जा सकता। एसपी फरीदकोट ने इस बारे कहा है कि 159 नम्बर मामले में तथ्यों के आधार पर UAPA की बढ़ोतरी की गई है।