नई दिल्ली : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से मुलाकात कर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में हिमाचल की 4500 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी को रिलीज करने के निर्देश देने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में हिमाचल प्रदेश की हिस्सेदारी को चुकता करने के आदेश दे रखे हैं। मगर, प्रदेश को अब तक यह राशि नहीं दी गई है। यह राशि पंजाब और हरियाणा ने हिमाचल को देनी है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने 25 वर्ष पहले शुरू किए गए पावर प्रोजेक्ट में प्रदेश की हिस्सेदारी 12 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को अवगत कराया कि प्रदेश की हाइड्रो पावर क्षमता के लगभग 12 हजार मेगावाट का अभी दोहन किया जाना शेष है। हिमाचल की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में यह प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री के साथ सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा कार्यान्वित की जा रही लुहरी विद्युत परियोजना का मामला भी उठाया। परियोजना की व्यवहारिकता को देखते हुए राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए केंद्र की सहमति प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि शानन परियोजना की लीज अवधि समाप्त हो चुकी है। इसे आगे के निष्पादन के लिए राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहित किया जाएगा।
ग्रीन एनर्जी प्लांट स्पीति क्षेत्र में स्थापित करने का भरोसा :
केंद्रीय मंत्री ने लेह की तर्ज पर हिमाचल के स्पीति क्षेत्र में ग्रीन एनर्जी प्लांट स्थापित करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, ताकि वर्ष 2025 तक ग्रीन पावर स्टेट का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।
सरप्लस बिजली तैयार करने वाला देश का एकमात्र राज्य हिमाचल:
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का एकमात्र ऊर्जा सरप्लस राज्य है और प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। बता दें कि मुख्यमंत्री सुक्खू 2 दिन से दिल्ली दौरे पर हैं। बुधवार को भी उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की थी। आज वह कुछ और मंत्रियों से भी मिल सकते हैं।
भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में हिमाचल की 4500 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी को रिलीज करने के निर्देश देने का मुख्यमंत्री सुक्खू ने किया आग्रह
Feb 09, 2023