नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण से पहले बड़ी खबर सामने आ रही है। सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि भाजपा ने कहा है कि गठबंधन धर्म का पालन किया जाएगा, लेकिन कोई भी गैर-जरूरी मांगें नहीं मानी जाएगी।
नीतीश-चंद्रबाबू को लग सकता है झटका : सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही थी कि नीतीश कुमार केंद्र में अपने 3 मंत्री चाह रहे हैं, जबकि चंद्रबाबू नायडू की डिमांड 5 मंत्रियों की है। इसके अलावा दोनों की तरफ से अपने-अपने राज्य के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की भी मांग है। ऐसे में अगर बीजेपी ने ये बयान दिया है तो नीतीश और चंद्रबाबू नायडू को अपनी कई मांगों को सीमित करना पड़ेगा। आपको बता दें कि इस वक्त किंगमेकर की भूमिका में भले ही नीतीश कुमार हों, लेकिन वो अकेल इंडी गठबंधन की भी सरकार नहीं बना सकते।
इसके अलावा अब एक नए अपडेट में जानकारी मिली है कि 7 निर्दलीय सांसदों ने एनडीए को अपना समर्थन पत्र सौंप दिया है। इसका मतलब है कि एनडीए का आंकड़ा अब 300 सीटों तक पहुंच गया है। ऐसे में देखना ये है कि अब नीतीश और चंद्रबाबू नायडू की क्या मांग होती है। हालांकि, आपको बता दें कि रिपब्लिक से बात करते हुए जदयू नेता और नीतीश के करीबी केसी त्यागी ने बताया था कि जदयू बिना शर्त के NDA को समर्थन दे रही है।
क्या अब भी हो सकता है खेला : प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण से पहले तक RJD की उम्मीदें खत्म नहीं होने वाली है। RJD नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है- ‘शपथग्रहण से पहले तक बहुत कुछ खेल हो सकता है।
इस सरकार में जेडीयू की भूमिका होने जा रही है। जेडीयू के ऊपर देश की नजर है। अग्निवीर योजना, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, जाति जनगणना ये सारी चीजें जेडीयू को करानी चाहिए। बिहार के हाथ में ही केंद्र की सत्ता का रिमोट होगा। नीतीश कुमार किंगमेकर की भूमिका में होंगे। जो विवादित मुद्दे हैं, बीजेपी के एजेंडे पर काम ना हो, देशहित में काम हो। देश संविधान से चले। इसका ख्याल-ध्यान तो चंद्रबाबू नायड़ू और नीतीश कुमार को रखना चाहिए।’
उन्होंने आगे कहा- ‘अयोध्या की सीटें बीजेपी हार गई। बनारस में प्रधानमंत्री का मार्जिन कम होना बड़ा संदेश दे रहा है। बीजेपी ने रामराज लाने की बात कही, जनता दुखी हुई, जनता की अदालत में काम करना पड़ेगा। बुलडोजर उल्टा चल गया और बीजेपी बहुमत से चूक गई। एनडीए सरकार की नैय्या डगमगाती रहेगी। इसकी पतवार चंद्रबाबू नायड़ू और नीतीश कुमार के हाथ में है। आगे आगे देखिये होता है क्या, अभी बहुत खेल बाकी है। अभी बहुत सारी संभावनाओं के द्वार खुले हैं। एनडीए के पास अभी पर्याप्त संख्याबल है। इंडिया गठबंधन के लोग अपनी तरफ से प्रयास कर रहे हैं। शपथग्रहण से पहले तक बहुत कुछ खेल हो सकता है।’