अजायब सिंह बोपाराय / एएम नाथ : भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने हिमाचल प्रदेश की छह विधानसभा सीटों पर लोकसभा चुनाव के साथ होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस के सभी बागियों को टिकट दिए हैं। धर्मशाला विधानसभा सीट से सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजेंद्र राणा, बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देविंद्र कुमार भुट्टों, लाहौल-स्पीति से रवि ठाकुर,को प्रत्याशी बनाया गया है। जिसके बाद इन सभी छह विधानसभा सीटों पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। इन सीटों पर जीत हार प्रदेश में नए राजनितिक समीकरण तय करेगी।
जिक्रयोग है कि कांग्रेस के छह अयोग्य घोषित बागी और तीन निर्दलीय विधायक ने गत शनिवार को नई दिल्ली में भाजपा में शामिल हो गए थे । इनको जब भाजपा में शामिल किया गया था तो उस समय केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर विशेष रूप से उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि अभी तक निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने मंजूर नहीं किए गए हैं। लिहाजा इनकी सीटों पर उपचुनाव कब करवाने है इसका फैसला इस्तीफे मंजूर होने के बाद ही चुनाव आयोग करेगा।
विधानसभा चुनाव 2022 के बाद 68 सदस्यीय राज्य विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 एमएलए थे, जबकि भाजपा के पास 25 विधायक थे। तीन सीटों पर निर्दलियों ने कब्जा किया था । पिछले विधानसभा स्तर में वित्त विधेयक पारित करते समय व्हिप जारी करने के बावजूद सदन में मौजूद न होने पर कांग्रेस के छह विधायक अयोग्य घोषित किए गए थे। जिसके बाद निर्दलियों ने भी अपने पदों से इस्तीफे दे दिए हैं। इस्तीफे मंजूर होने के बाद नौ विधायकों के कम होने के बाद विधानसभा में 59 विधायक रह जाएंगे। सूत्रों की माने तो निर्दलियों के इस्तीफों के मंजूर करने का मामला लटकने के चांस ज्यादा है (
अजायब सिंह बोपाराय / एएम नाथ : भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने हिमाचल प्रदेश की छह विधानसभा सीटों पर लोकसभा चुनाव के साथ होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस के सभी बागियों को टिकट दिए हैं। धर्मशाला विधानसभा सीट से सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजेंद्र राणा, बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देविंद्र कुमार भुट्टों, लाहौल-स्पीति से रवि ठाकुर,को प्रत्याशी बनाया गया है। जिसके बाद इन सभी छह विधानसभा सीटों पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। इन सीटों पर जीत हार प्रदेश में नए राजनितिक समीकरण तय करेगी।
जिक्रयोग है कि कांग्रेस के छह अयोग्य घोषित बागी और तीन निर्दलीय विधायक ने गत शनिवार को नई दिल्ली में भाजपा में शामिल हो गए थे । इनको जब भाजपा में शामिल किया गया था तो उस समय केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर विशेष रूप से उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि अभी तक निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने मंजूर नहीं किए गए हैं। लिहाजा इनकी सीटों पर उपचुनाव कब करवाने है इसका फैसला इस्तीफे मंजूर होने के बाद ही चुनाव आयोग करेगा।
विधानसभा चुनाव 2022 के बाद 68 सदस्यीय राज्य विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 एमएलए थे, जबकि भाजपा के पास 25 विधायक थे। तीन सीटों पर निर्दलियों ने कब्जा किया था । पिछले विधानसभा स्तर में वित्त विधेयक पारित करते समय व्हिप जारी करने के बावजूद सदन में मौजूद न होने पर कांग्रेस के छह विधायक अयोग्य घोषित किए गए थे। जिसके बाद निर्दलियों ने भी अपने पदों से इस्तीफे दे दिए हैं। इस्तीफे मंजूर होने के बाद नौ विधायकों के कम होने के बाद विधानसभा में 59 विधायक रह जाएंगे। सूत्रों की माने तो निर्दलियों के इस्तीफों के मंजूर करने का मामला लटकने के चांस ज्यादा है (