डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही पूरी दुनिया में टैरिफ पॉलिसी का खौफ देखा जा रहा था। इसी के बीच भारत ने चुपचाप एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसने सबको चौंका दिया है।
सबसे खास बात तो ये है कि भारत के इस एक्शन से चीन और अमेरिका सिर्फ मुंह ताकते रह गए हैं। जी हां, भारत ने अमेरिका को आईफोन एक्सपोर्ट करने के मामले में चीन को पछाड़ दिया है। भारत के द्वारा अमेरिका को एक्सपोर्ट किए जाने वाले आईफोन की संख्या में इस साल अप्रैल के महीने में, पिछले साल के मुकाबले 76 प्रतिशत की बढ़त हासिल की है। कैनालिस के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल के महीने में भारत ने अमेरिका को तकरीबन 30,00,000 आईफोन निर्यात किए गए हैं।
गिर गई चीन की शिपमेंट : आंकड़ों के अनुसार, साल 2025 के अप्रैल महीने में चीन की शिपमेंट में 76 प्रतिशत गिरावट आयी है। चीन ने अप्रैल के महीने में अमेरिका को 9 लाख आईफोन एक्सपोर्ट किए हैं। ये बढ़त ऐसे समय में आयी है, जब ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के कारण से पैदा हुए टैरिफ वॉर के बीच एप्पल ने अपनी मेड इन इंडिया स्कीम में तेजी लेकर आयी है। अब ओमडिया का हिस्सा बन चुके कैनालिस ने ये जानकारी दी है कि उन्होंने कस्टम रिकॉर्ड और आईफोन डिस्ट्रीब्यूटर्स ने ये आंकड़े जमा किए हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप के मौजूदा टैरिफ पॉलिसी के अंतर्गत चीन से आने वाले आईफोन पर अभी भी 30 प्रतिशत एडिशनल टैरिफ लगता है, जबकि भारत सहित बाकी देशों के लिए बेसलाइन टैरिफ रेट 10 प्रतिशत है।
अमेरिका को एक्सपोर्ट किए जाने वाले मेक इन इंडिया आईफोन केवल चीन के लिए ही नहीं बल्कि अमेरिका के लिए मुसीबत साबित हो सकता हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ना तो एप्पल की मेड इन इंडिया को हजम कर पा रहे हैं और ना ही भारत की तरक्की को। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एप्पल के सीईओ टिम कुक को भारत में आईफोन की मैन्यूफैक्चरिंग बंद करने को कहा था। हालांकि जब एप्पल ने अपने प्लान तो नहीं बदला, तो एप्पल के सीईओ टिम कुक को ट्रंप ने सीधी धमकी दे दी है कि अगर उन्होंने अमेरिका आने वाले आईफोन का प्रोडक्शन भारत या किसी और देश में जारी रखा तो कंपनी को 25 प्रतिशत टैरिफ का भुगतान करना होगा।