चंडीगढ़ : 11 अगस्त : मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में पंजाब कैबिनेट ने रेत व बजरी की माइनिंग नीति, 2021 में संशोधन को मंजूर कर लिया है। इस संबंधी फैसला आज पंजाब सिविल सेक्रेटेरिएट-1 में मुख्यमंत्री की अगुवाई में कैबिनेट की बैठक में लिया गया। जिसके तहत रेत व बजरी नीति तर्कसंगत बनाने की कोशिश की गई है । इससे जहां एक तरफ उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश का राजस्व भी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। इस नीति के अनुसार 2.40 रुपये प्रति क्यूबिक फुट की रायल्टी को पहले जितना ही रखा जाएगा। सूचना तकनोलोजी तथा वजन ब्रिज हैंड अधीन राजस्व, जो 10 पैसे प्रति क्यूबिक फुट भी प्रदेश के खजाने में जमा होगा, जबकि मौजूदा समय यह ठेकेदार के पास ही रहता था।
विभाग, वजन कंडे पर ठेकेदार द्वारा उठाए गए बिलों की अदायगी समझौते की शर्तो मुताबिक करेगा। इससे विभाग को बजन कंडे के समूह कार्यों को कंप्यूटराइज करने किया जाएगा। उपभोक्ताओं पर बड़ा बोझ ट्रांसपोर्ट का पडऩे के कारण विभाग ट्रांसपोर्टरों व उपभोक्ताओं को आपस में जोडऩे के लिए मोबाइल एप तैयार करेगा तथा ट्रांसपोर्टशन की दरें विभाग द्वारा तय की जाएंगी। अव के-2 परमिट के स्थान पर बिल्डिंग प्लान को मंजूरी देने वाली अथारटी द्वारा जिन स्थानों पर बेसमेंट का निर्माण निर्धारित है। के-2 लिए 5 रुपये प्रति वर्ग फुट का सरचार्ज वसूला जाएगा। यह पैसा स्थानीय संस्थाएं/टाउन प्लानिंग अथारटियों द्वारा एकत्रित किया जाएगा तथा इसको विभाग के संबंधित हैंड में जमा करवाया जाएगा। यह सरचार्ज किसी भी आकार के रिहायशी घरों या किसी अन्य 500 वर्ग गर्ज तक के प्लाट के आकार पर प्रस्तावित इमारत के लिए लागू नहीं होगा। इसके अलावा ईंट भट्ठों को छोड़ कर व्यापारिक ढांचे के प्रोजैक्टों के निर्माण के लिए मिट्टी की रायल्टी दर 10 रुपये प्रति टन रखी गई है।
क्रशर नीति को तर्कसंगत बनाने की सहमति मील का पत्थर साबित होने वाले एक अन्य फैसले में कैबिनेट ने उपभोक्ताओं को राहत देने तथा प्रदेश के खजाने के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए क्रशर नीति को तर्कसंगत बनाने की सहमति दी है। नई नीति के अनुसार गैर कानूनी माइनिंग रोकने के लिए क्रशरों को पांच हैक्टेयर या पांच हैक्टेयर के गुणांक के साथ माइनिंग साइट अलाट की जाएगी। परंतु प्रत्येक क्रशर के लिए यह लाजमी नहीं किया गया कि वह जरुरी तौर पर इन साइटों को लें। प्रदेश के खजाने में लगभग 225 करोड़ रुपये का राजस्व बढ़ाने के लिए क्रशर से निकलने वाली सामग्री पर एक रुपये प्रति घन फुट की दर से वातावरण फंड लिया गया है। गैर कानूनी माइनिंग रोकने के लिए माइनिंग साइट के साथ-साथ क्रशरों पर सीसीटीवी कैमरों के अलावा वजन ब्रिज लगाना लाजमी किया गया है। क्रशर से सामग्री की बिक्री संबंधी समूची प्रक्रिया की निगरानी आनलाइन पोर्टल के जरिए की जाएगी।
क्रशर की रजिस्ट्रेशन फीस 10 हजार रुपये से बढ़ा कर एक लाख रुपये की गई है। इसके अलावा क्रशर यूनिटों की सिक्योरिटी तीन लाख से बढ़ा कर पांच लाख रुपये की गई । क्रशर इकाइयों को पांच हेक्टेयर तक की माइनिंग साइटें अलाट की जाएंगी ताकि सामग्री हेतु जायज स्रोत मुहैया हों। इन माइनिंग साइटों की अलाटमैंट ई-नीलामी द्वारा तथा पीएमएमआर 2013 के मुताबिक की जाएगी। कांट्रैक्ट तीन सालों के लिए होगा, जिसको एक साल बढ़ा कर चाल साल तक बढ़ाया जा सकता है। अगर साइट पर सामग्री उपलब्ध हो तो ही एक साल के लिए बढ़ेगी।
क्रशर मालिकों द्वारा निकासी की सामग्री की मासिक रिटर्न भरनी जरुरी होगी। क्रशर मालिकों को उनके द्वारा प्रमाणित स्रोतों से प्राप्त की गई सामग्री से अधिक सामग्री पर जुर्माने का भुगतान करना पड़ेगा। भुगतान में और देरी होने पर में यह जुर्माना और बढ़ाया जाएगा। इस नीति में यह भी तय है कि कोई उल्लंघन होने पर रजिस्ट्रेशन को रद्द या मुअत्तल किया जाएगा।
माइनिंग नीति में संशोधन को कैबिनेट की मंजूरी : सस्ती मिलेगी रेत व बजरी
Aug 11, 2022