धर्मशाला। हिमाचल के पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) को बड़ी सफलता मिली है। एक ओर जहां मामले के मास्टरमाइंड भरत यादव ने कांगड़ा कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। वहीं, आरोपियों से जब्त किए मोबाइल फोन से अहम सुराख जुटाए हैं। हिमाचल पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा के लीक हुए पेपर, सोल्व पेपर जिसमें 6 से 8 गलतियां थीं को भी रिकवर कर लिया है। बता दें कि पुलिस कांस्टेबल के 1 हजार 334 पदों की भर्ती के लिए बीते 27 मार्च को प्रदेश में 81 केंद्रों में लिखित परीक्षा हुई थी। 5 अप्रैल को परिणाम घोषित हुआ था। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बीते 17 मई को पेपर लीक मामले में सीबीआई से जांच करवाने का फैसला लिया था। इसके बाद पुलिस ने सबसे पहले कांगड़ा से ही तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। भरत यादव को कांगड़ा कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मंगलवार को भरत यादव को कांगड़ा में न्यायाधीश शिखा लखनपाल की अदालत में पेश किया गया। इससे पहले एसआईटी ने बिहार से मास्टरमाइंड भरत यादव के पांच अन्य साथियों को 6 माह पहले गिरफ्तार किया था। इन सभी की मिलीभगत से प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक किया गया था। बिहार के अरविंद कुमार व भरत यादव इस पूरे षड्यंत्र के मास्टरमाइंड थे। अरविंद कुमार को एसआईटी ने छह माह पहले गिरफ्तार कर लिया था, जबकि भरत यादव अभी तक फरार चल रहा था। इसके अलावा एसआईटी ने बिहार के ही सुधीर यादव पुत्र कारू यादव, गोले लाल यादव पुत्र द्वारका प्रसाद, गौतम कुमार भारती पुत्र वरिंद्र प्रसाद और सुबोध कुमार पुत्र चुल्ली सिंह को गिरफ्तार किया था। इनसे मिली जानकारी के अनुसार प्रिंटिंग प्रेस में पार्ट टाइम वर्कर सुधीर कुमार यादव ने मार्च में हिमाचल पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर लीक किया था। इसके बाद पेपर को गोरे लाल के माध्यम से गौतम कुमार भारती तक पहुंचाया। यह सब सुबोध कुमार, भरत यादव और अरविंद कुमार के कहने पर किया गया। बिहार की इस गैंग ने हिमाचल पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर लीक कर हरियाणा की गैंग को सौंपा था। जिसने हिमाचल में इस पेपर को बेचा था। प्रथम स्टेज पर पेपर की कीमत 4 लाख थी। जबकि अभ्यर्थियों को यह पेपर 8 लाख रुपए तक बेचा गया था।
– आरोपियों से ये सामान किया जब्त
पेपर लीक मामले में बिहार, यूपी, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली और हिमाचल के गैंग शामिल थे। पेपर लीक मामले में सरकार ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। एसआईटी अब तक 183 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। कई आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट भी दायर की गई है। पुलिस स्टेशन गगल में 91 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर दर्ज होने के बाद कांगड़ा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई है। पुलिस स्टेशन अर्की में दर्ज किए गए केस में 29 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है। हिमाचल सीआईडी के पुलिस थाना भराड़ी में भी मामला दर्ज किया गया है। इसके तहत 61 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है। मामले में अब तक एजेंटों से 10,34,900 रुपए नकद बरामद किए गए हैं। इसके अलावा एजेंटों और आरोपियों से 6000 नेपाली मुद्रा, छह कार, 154 मोबाइल फोन, पांच लैपटॉप, एक डीवीआर, 10 हार्ड डिस्क, एक पैन ड्राइव, तीन मेमोरी कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड समेत अन्य सामान जब्त किया गया है।
अप्रैल में हुई थी चैट वायरल
सोशल मीडिया पर वायरल हुई चैट 24 मार्च की है, जबकि कॉन्स्टेबल परीक्षा 27 मार्च को थी। 24 मार्च की वॉट्सऐप चैट को रिजल्ट आने के एक-दो दिन बाद यानी अप्रैल के पहले सप्ताह में वायरल किया गया। अर्की का एक युवक जिसे पेपर खरीदने का ऑफर मिला था, लेकिन उसने पेपर नहीं खरीदा था। जब रिजल्ट आया तो वह युवक रिजल्ट में मेरिट में नहीं आ सका। इसके बाद उस युवक ने ही 24 मार्च का वॉट्सऐप चैट सोशल मीडिया पर वायरल किया, जिसे शुरुआत में पुलिस गलत बताती रही।