चंडीगढ़ : चंडीगढ़ से एसएसपी कुलदीप सिंह चहल का कार्यकाल पूरा होने से 10 महीने पहले अचानक उन्हें तुरंत प्रभाव से रिपेट्रिएट करने का खुलासा पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बीएल पुरोहित ने कर दिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की लेटर का जवाब देते हुए राज्यपाल ने कहा है कि चहल के खिलाफ गंभीर अनाचरण के इनपुट्स प्राप्त हुए थे। जिसकी विश्वसनीय सूत्रों से वैधता जांची गई थी। इसके बाद पंजाब के चीफ सेक्रेटरी से चहल को हटाने के फैसले को लेकर 28 नवंबर को बात की गई थी।
पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बीएल पुरोहित ने मुख्यमंत्री मान द्वारा पंजाब से आईपीएस अफसरों का पैनल मांगे बिना चहल की समय से पहले(प्री-मैच्योर) रिपेट्रिएशन करने पर सवाल उठाया था।
मुख्यमंत्री ने तथ्य जाने बिना लेटर लिखा :
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को कहा है ‘प्यारे चीफ मिनिस्टर’ आईपीएस अफसरों का पैनल मांगे बिना आईपीएस अफसर कुलदीप सिंह चहल की प्रि-मैच्योर रिपेट्रिएशन वाली अपनी 13 दिसंबर लेटर पर ध्यान दें। इस लेटर को देख कर प्रतीत होता है कि इसे लिखने और ‘डिस्पैच’ करने के दौरान तथ्यों को जांचने पर ध्यान नहीं दिया गया। यदि इस ओर ध्यान दिया गया होता तो यह लेटर लिखने की जरूरत ही नहीं पड़ती
चीफ सेक्रेटरी को सुना चुके थे फैसला
राज्यपाल ने मान की लेटर का जवाब देते हुए कहा है कि जब उन्हें एसएसपी चहल द्वारा गंभीर अनाचरण की जानकारी मिली तो उन्होंने इसका वैधता की जांच के लिए विश्वसनीय सूत्रों से इसका पता लगवाया। इसके बाद पंजाब के चीफ सेक्रेटरी से 28 फरवरी को इस बारे में बात की गई। चीफ सेक्रेटरी को उन्होंने(राज्यपाल) चहल को इस ‘क्रिटिकल’ पोस्ट से हटाने के फैसले की जानकारी दी थी। वहीं चीफ सेक्रेटरी को सलाह दी गई थी कि एसएसपी की पोस्ट के लिए कार्यकुशल आईपीएस अफसरों का पैनल भेजें।