मुख्यमंत्री भगवंत मान का धमकी भरा बयान एक अहंकारी शासक का बयान ,जिसे लोकतंत्र में किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जा सकता :

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तलवाड़ा (राकेश शर्मा) : पंजाब सरकार द्वारा कर्मचारियों पर एस्मा नामक काला कानून थोपने का भाखड़ा ब्यास इम्पलाईज यूनियन(एंटक-ऐफी) के प्रधान अशोक कुमार व सचिव शिव कुमार ने कड़ा विरोध करते हुए कहा कि पंजाब सरकार द्वारा कर्मचारियों पर एस्मा नामक कानून को लागू करने की कड़े शब्दो मे निंदा की है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियो अपनी मांगो के सरकार से मनवाने के लिए विरोध प्रदर्शनों का सहारा लेते है तो सत्तासीन सरकारे कर्मचारियो के विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाकर कर्मचारी विरोधी मनमाने फरमानो को जारी कर कर्मचारियो के खिलाफ कार्रवाई करके उन के शान्तिपूर्ण संघर्ष को दबाना सरकारों की पुरानी परंपरा रही है।उन्होने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार से यह उम्मीद नहीं की जा सकती थी। कि वह एस्मा जैसे काले कानून का इस्तेमाल संवैधानिक अधिकारों को कुचलने के लिए करेगी । मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत मान का धमकी भरा बयान एक अहंकारी शासक का बयान है।जिसे लोकतंत्र में किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जा सकता । पंजाब सरकार भ्रष्टाचार मुक्त पंजाब का प्रचार कर रही है, लेकिन वह इस तथ्य की समीक्षा करने से इन्कार करती है कि सरकार के हर विभाग और संस्थान में भ्रष्टाचार कम होने की बजाय प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है और पूर्व में हुए भ्र्ष्टाचार के आरोपित लोगो की निष्पक्ष जाँच भी नहीं हो पाई है।पंजाब सरकार के विधायक और कैबिनेट मंत्री भी इस भ्रष्टाचार की बीमारी से अछूते नहीं हैं।बार-बार अधिकारियों व कर्मचारियों के ट्रांसफर से भ्रष्टाचार के नए रेट फिक्स हो रहे हैं।भाखड़ा ब्यास इम्पलाईज यूनियन(एटक-ऐफी) ने कभी भी भ्रष्ट अधिकारियों या भ्रष्ट कर्मचारियों का समर्थन नहीं किया है और न ही समर्थन करेगे।जबकि उन्होने हमेशा ही भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी है । पंजाब को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए एक विशिष्ट नीति कार्यक्रम संकल्प की जरूरत है, न कि निर्वाचित अधिकारियों और कर्मचारियों को निशाना बनाकर सोशल मिडिया प्रचार करने की । मुख्यमंत्री का बिना गंभीरता के किसी कलाकार की तरह धमकी भरा बयान देना अच्छी बात नहीं है।जब पंजाब के मजदूर और किसान अपनी जायज मांगों के लिए आंदोलन करते हैं। तो आंदोलन के दबाव में मुख्यमंत्री बैठकों के लिए समय देते हैं। लेकिन बाद में इन्हीं मीटिंगों को स्थगित कर देते हैं।इस प्रकार लोगों को लंबे समय तक मूर्ख नहीं बनाया जा सकता है । यूनियन के नेताओ ने मांग की कि कर्मचारियों के आंदोलन पर लगाए गए एस्मा एक्ट को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए।भाखड़ा ब्यास इम्पलाईज यूनियन(एटक-ऐफी) युनियन के प्रधान अशोक कुमार व सचिव शिव कुमार ने पंजाब में संघर्षित कर्मचारियों के आंदोलन का समर्थन करने का भी ऐलान किया है।
फोटो कैप्शन:– भाखड़ा ब्यास इम्पलाईज यूनियन (एटक-ऐफी) के सचिव शिव कुमार व प्रधान अशोक कुमार

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