रोहित भदसाली l शिमला : हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों की नाराजगी झेल रही सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने दीपावाली से पहले लाखों कर्मचारियों व पेंशनरों को बड़ी सौगात देते हुए उन्हें चार प्रतिशत महंगाई भत्ता देने का ऐलान किया है।
खास बात यह है कि सैलरी व पेंशन के लिए भी कर्मचारियों व पेंशनरों को अब इंतजार नहीं करना पड़ेगा। दिवाली से चार दिन पहले सैलरी व पेंशन उनके खातों में आ जाएगी। इसके अलावा कर्मचारियों के लंबित मेडिकल बिलों का भी भुगतान किया जाएगा।मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में ये घोषणाएं कीं। उन्होंने राज्य के सरकारी कर्मचारियों व पेंशनरों को एक जनवरी 2023 से महंगाई भत्ते की चार प्रतिशत किश्त देने की घोषणा करते हुए कहा कि इससे 1 लाख 80 हजार कर्मचारियों और 1 लाख 70 हजार पेंशनरों को फायदा पहुंचेगा। इस फैसले से सरकारी खजाने पर 600 करोड़ का भार पड़ेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्टूबर महीने की सैलरी व पेंशन दिवाली से चार दिन पहले कर्मचारियों व पेंशनरों के बैंक खातों में डाल दी जाएगी। दिवाली 31 अक्टूबर को है और 28 अक्टूबर को सैलरी व पेंशन मिल जाएगी। उन्होंने कर्मचारियों के लंबित मेडिकल बिलों की अदायगी की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वेतन एरियर की 20 हजार की अदायगी का भी एलान किया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि हिमाचल में किसी तरह का आर्थिक संकट नहीं है और इसे लेकर विपक्ष भ्रम फैला रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हिमाचल की ट्रेजरी अभी तक ओवरड्राफ्ट नहीं हुई है।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 1 लाख 15 हजार कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम का फायदा मिला है। वहीं 1300 अधिकारी व कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्होंने NPS अपनाई है। NPS में शामिल इन अधिकारियों व कर्मचारियों को भी डीए जारी करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद एक साल के भीतर 2200 करोड़ रूपए का अतिरिक्त राजस्व जुटाया गया है। विधानसभा के माॉनसून सत्र में मंत्रियों के वेतन को दो महीने तक विलंबित करने का फैसला सांकेतिक तौर पर लिया गया था। लेकिन विपक्ष ने इसे प्रदेश की माली हालत से जोड़कर कुप्रचार किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार की कारगुजारी से प्रदेश की अर्थव्यवथा खराब हुई है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सुधारों का दौर जारी है तथा कड़े फैसले लिए जा रहे हैं, जिनका आम आदमी पर कोई असर नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अर्थव्यवस्था में सुधार कर कर्मचारियों को और सौगातें दी जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार व्यवस्था परिवर्तन के दृष्टिकोण से काम कर रही और वर्ष 2027 में हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा और वर्ष 2032 में देश का सबसे अमीर राज्य होगा।