चंडीगढ़। पुलिस हिरासत में लॉरेंस के इंटरव्यू के मामले में वीरवार को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में गुरशेर सिंह संधू ने अर्जी दाखिल कर कहा कि उसे इस मामले में बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
लॉरेंस बिश्नोई उनकी कस्टडी में नहीं था, बल्कि एजीटीएफ की कस्टडी में था। संधू ने पंजाब सरकार पर अर्जी में कई सवाल उठाए। हाई कोर्ट ने अर्जी पर पंजाब सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
हाई कोर्ट ने जेल में सुरक्षा के इंतजाम को लेकर स्वयं संज्ञान लेते हुए सुनवाई आरंभ की थी। इसी दौरान लॉरेंस का टीवी इंटरव्यू होने की बात सामने आई थी। हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को एसआईटी बनाकर जांच करने का आदेश दिया था।
इंटरव्यू खरड़ सीआईए थाने में हुआ : एसआईटी की जांच बेनतीजा रही थी, जिसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर डीजीपी प्रबोध कुमार की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई थी। एसआईटी ने बताया था कि इंटरव्यू खरड़ सीआईए थाने में हुृआ था। इसके बाद कई पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की गई थी लेकिन एसएसपी पर कार्रवाई न होने के चलते पंजाब सरकार को हाई कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई थी।
इसके बाद डीएसपी गुरशेर संधू पर कार्रवाई करते हुए उसे बर्खास्त कर दिया गया था। अब उसने हाई कोर्ट में अर्जी देकर कहा है कि लॉरेंस को खरड़ के सीआईए कॉम्प्लेक्स में रखा गया था क्योंकि उस समय एजीटीएफ के पास इंटरोगेशन सेंटर नहीं था।