चंबा : संरक्षित वन्य जीवों के अंगों की तस्करी मामले में वन विभाग को बड़ी कामयाबी मिली है। आरोपितों के ठिकानों से भारी मात्रा में वन्य जीवों के अंग बरामद हुए हैं। वन विभाग ने दो मामलों में छह लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो महाराष्ट्र पुणे के जबकि चार आरोपित राजस्थान के हैं। आरोपितों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया है। अब वन विभाग की टीम ने आरोपितों से पूछताछ के आधार पर मिली जानकारी के बाद उनके ठिकानों पर दबिश दी।
वन विभाग की टीम ने गिलहरी के सात पंजे, 278 गिदड़ सिंग्गी, अन्य जीवों के 90 से अधिक नाखून, सांप की त्वचा, कुछ हड्डियां, 50 मांस के टुकड़े व मॉनिटर लिजर्ड (गोह) के नौ पंजे बरामद किए हैं। वन विभाग ने वन्य जीवों के इन अंगों को कब्जे में ले लिया है। अब इन्हें फोरेंसिक जांच के लिए देहरादून भेजा जाएगा। वन विभाग इस मामले से जुड़े तमाम पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच में जुटा हुआ है। रिमांड के दौरान पूछताछ में पता चला कि पहले गिरोह के आरोपितों ने तीसा के नजदीक नकरोड़ में डेरा लगाया था। आरोपित यहां पर शिकार करते थे। जब टीम आरोपितों को निशानदेही के लिए नकरोड़ के लिए लेकर गई तो शिकार किए गए स्थान पर हड्डियां मिलीं। शिकार को फंसाने के लिए उन्होंने चिकन का प्रयोग किया था। अधिकारियों ने इसे सुबूत के तौर पर कब्जे में ले लिया। उल्लेखनीय है कि वन विभाग की टीम ने 12 मई को चंबा-खजियार मार्ग पर नाके के दौरान महाराष्ट्र के दो लोगों को गिरफ्तार किया था। इनके पास से वन्य जीवों के अंग बरामद हुए थे। आरोपित इन वन्य जीवों के अंगों को जगह-जगह ऊंचे दाम पर बेचते थे। यह भी पता चला है कि आरोपित कुरियर के माध्यम से पुणे से भी वन्य जीवों के अंग मंगवाते थे। इस मामले के बाद दूसरे दिन ही वन विभाग की टीम को सूचना मिली कि एक ओर गिरोह सक्रिय है। विभाग ने 13 मई को इस दूसरे गिरोह को चंबा के बालू में पकड़ा था। इस गिरोह में राजस्थान के चार लोग शामिल थे। इनके पास से भी भारी मात्रा में वन्य जीवों के अंग बरामद हुए थे।