एएम नाथ। मंडी : भाजपा प्रत्याशी कंगना रणौत ने मंगलवार को सिराज में दर्जन भर कार्यक्रमों में भाग लिया। उन्होंने चुनावी जनसंभा के दौरान कहा कि पिछले एक दशक में देश का कायाकल्प हुआ है आज देश का हर एक व्यक्ति देश की तरक्की में सहयोगी बनना चाहता है। यह मात्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि आज देश में नक्सलवाद ,आतंकवाद जैसी बड़ी चुनौतीयों से उभरा है। जहां भारतीय सेना आज घर में घुस कर मारती है, वहीं केंद्र की मजबूत सरकार पीओके को वापस लेने का संकल्प भी और मजबूत करती है।
वहीं इंडी गठबंधन के नेता पाकिस्तान के पक्ष में बयानबाजी करते हैं। कांग्रेस मात्र लूट-खसोट की पार्टी है, जिसे वोट कर मंडी की जनता पाप की भागीदार नहीं बनेगी। कंगना ने कहा कि कांग्रेस के पास न नेता है और न नीति। कांग्रेस केवल मात्र तुष्टिकरण, परिवारवाद की राजनीति कर सकती । इंडी गठबंधन के नेता बताएं कि इस घमड़िया गठबंधन का प्रधानमंत्री कौन होगा या फिर केवल पांच सालों में पांच प्रधानमंत्री बनाने के सपने गठबंधन के लोग देख रहे हैं। कंगना रणौत ने विक्रमादित्य पर हमला बोलते हुए कहा कि वह मात्र बिगड़ैल शहजादे हैं। महिला सम्मान क्या होता है शायद उनकी माता ने उन्हें नहीं सिखाया। उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य सिंह ने देव समाज व देवी-देवताओं को राजशाही से एक स्तर नीचे बताया। जिन मंदिरों में कंगना जा रहीं हैं, उन मंदिरों को पवित्र करवाना पड़ेगा, यह शब्दावली हिमाचल के देव समाज की नहीं बल्कि उनके(विक्रमादित्य) दिमाग की उपज है। उनसे एक महिला के हाथों हार स्वीकार नहीं हो पा रही है। कहा कि विक्रमादित्य मात्र लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम कर रहे हैं, उन्हें देव समाज का ठेकेदार बनना बंद कर देना चाहिए क्योंकि उनके आचरण को प्रदेश के लोग भली-भांति समझते हैं। 4 जून को स्पष्ट हो जाएगा कि किसे देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलेगा।
मुझे कांग्रेस प्रत्याशी की तरह पैसों की भूख नहीं : कंगना रणौत ने कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य पर तीखा प्रहार किया। कहा कि मुझे कांग्रेस प्रत्याशी की तरह पैसों की भूख नहीं हैं। वे लोगों का पैसा खाने के लिए सत्ता चाहते हैं। कहा कि मुझे दौलत और शोहरत की कोई भूख नहीं हैं। कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में पांगी में आज तक विकास नहीं हो पाया है। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी पर तंज कसते हुए कहा कि वर्तमान में प्रदेश के मार्गों का क्या हाल है। बावजूद इसके उनकी भूख खत्म ही नहीं हो रही है।