नवांशहर। चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को लगेगा और भारत में दिखेगा। ज्योतिष शास्त्र के नजरिए से इस चंद्र ग्रहण को बेहद खास माना जा रहा है। साल के आखिरी चंद्र ग्रहण के मौके पर ग्रहों की विशेष स्थिति बन रही है। चंद्र ग्रहण के दिन ग्रहों के सेनापति मंगल, शनि, सूर्य और राह आमने सामने होंगे। ऐसे में भारत वर्ष की कुंडली में तुला राशि पर सूर्य, चंद्रमा, बुध और शुक्र की युति बन रही है। पंडित दिनेश मिश्रा ने बताया कि भारत में चंद्र ग्रहण खग्रास रूप में दिखेगा, पूर्वी भारतीय कुछ प्रदेशों को छोड़कर यह ग्रहण चंद्र उदय के पश्चात ही भारत में सर्वत्र दिखेगा। उन्होंने बताया कि दोपहर 2.39 से लेकर से लेकर 6.19 बजे तक ग्रहण रहेगा।
जबकि नवांशहर में शाम 5:28 के बाद से लेकर 6:19 मिनट तक यह ग्रहण दिखाई देगा। जबकि चंद्र ग्रहण का सूतक 8 नवंबर को सुबह 5.30 से ही प्रारंभ हो जाएगा। 7 नवंबर शाम 4.17 से पुर्णिमा तिथि आरंभ होगी। इस बार बैकुंठी पूर्णिमा कार्तिक मास की समाप्ति चंद्रग्रहण के कारण 7 नवंबर को ही हवन के बाद कार्तिक कथा की समाप्ति की जाएगी।
मंदिरों के कपाट सुबह सूर्य उदय से ही रहेंगे बंद : उन्होंने बताया कि ज्योतिषियों के मुताबिक दिन कम करना ही शास्त्र सम्मति और सत्यनारायण व्रत भी 7 नवंबर को ही है। 8 तारीख को सूतक है व सूतक में हवन, कथा, पूजा-पाठ में शास्त्रों के अनुसार निषेध माना जाता है। 8 नवंबर को मंदिरों के कपाट सुबह सूर्य उदय से ही बंद रहेंगे और शाम 6:19 के बाद मंदिरों के कपाट खुलेंगे।
इन बातों का रखें ख्याल : ग्रहण के दौरान किसी भी तरह की यात्रा करने से बचें। सूतक काल के दौरान घर पर ही रहें। कोशिश करें कि ग्रहण की रोशनी अपने घर के अंदर प्रवेश ना करें। सूर्य ग्रहण की तरह की चंद्र ग्रहण को भी नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए। ग्रहण से पहले और ग्रहण के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए। कहा जाता है ऐसा करने से ग्रहण का कोई भी नकारात्मक प्रभाव नहीं रहता। सूतक काल के दौरान कुछ भी खाने पीने से बचें। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं घर से बाहर निकलने से बचें। इस दौरान सिलाई, कढ़ाई, बुनाई जैसा कोई भी काम ना करें।