होशियारपुर/दलजीत अजनोहा : UPSC 2024 में ऑल इंडिया रैंक 399 हासिल करने वाली IAS ओइशी मंडल की कहानी जज़्बे और हौसले की मिसाल है। एक विशेष बातचीत में ओइशी मंडल ने अपने संघर्ष, असफलताओं और सफलता की दास्तान साझा करते हुए बताया के वह अपने गृह ज़िले पश्चिम बंगाल के बीरभूम की पहली IAS अधिकारी होने के साथ-साथ, वर्तमान में होशियारपुर में असिस्टेंट कमिश्नर के रूप में सेवाएँ दे रही हैं।
शांतिनिकेतन की निवासी ओइशी ने इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बी.टेक करने के बाद, कोविड काल (2021) में अपने स्टार्टअप में नुकसान झेलने के बाद UPSC की तैयारी शुरू की। शुरुआती तीन प्रयासों में वह प्रीलिम्स भी पार नहीं कर सकीं, लेकिन चौथे प्रयास में उन्होंने सभी चरण सफलतापूर्वक पास कर इतिहास रच दिया।
उन्होंने बताया कि पहली पीढ़ी की अफसर होने के कारण उन्हें किसी तरह का मार्गदर्शन नहीं मिला। “शुरुआत से सब कुछ खुद ही सीखना पड़ा। दो प्रयासों के बाद मैंने अपना वैकल्पिक विषय भी बदल दिया, जो बड़ा जोखिम था, लेकिन यही जोखिम मेरी सफलता की वजह बना
ओइशी मंडल ने समाजिक दबावों का ज़िक्र करते हुए बताया कि कैसे एक लड़की के लिए नौकरी और विवाह से जुड़ी उम्मीदें बड़ी चुनौती बन जाती हैं। “मेरे माता-पिता ने मुझे इन सब बातों से बचाकर हमेशा हौसला दिया। एक समय ऐसा भी था जब रिश्तेदारों को पता तक नहीं था कि मैं क्या कर रही हूँ। मेरी सफलता के बाद ही सबने मुझसे संपर्क किया,” उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा।
संवाददाता की ओर से उनकी कहानी को न केवल एक परीक्षा में सफलता की दास्तान बताया, बल्कि सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ने वाली प्रेरक यात्रा के रूप में भी प्रस्तुत किया।
आज असिस्टेंट कमिश्नर होशियारपुर के रूप में कार्यरत ओइशी मंडल की सफलता देशभर के युवाओं, खासकर छोटे शहरों और सीमित संसाधनों वाले छात्रों के लिए आशा और प्रेरणा का स्रोत है।