होशियारपुर / दलजीत अजनोहा ; पूर्व कैबिनेट मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता तीक्ष्ण सूद द्वारा जारी प्रेस नोट में कहा है कि पंजाब में नशों का मुद्दा पिछले करीब 15 साल से गरमाया हुआ है तथा राजनीतिक पार्टियां जम कर एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा कर, इस का राजनीतिक लाभ ले रही हैं। नौजवानों में नशे की लानत घटने की बजाए नशे का व्यापार दिन प्रति दिन फलफूल रहा हैं। अगर सरकारी आंकड़ों की बात करें तो पिछली सरकार के समय 2020-21 में पंजाब में नशो से केबल 36 मौते हुई थी। 2021-22 में 71 मौते तथा मौजूदा सरकार के कार्यकाल 2022-23 में 159 मौते दर्ज की गई। पिछले 19 महीनों में ही 272 नौजवान नशों के कारण मौत की नींद सौ गए तथा पिछले एक पखवाड़े में यह अनुपात बढ़ कर 15 दिनों 14 मौतों तक पहुंच गया , जबकि असली आंकड़े इस से बहुत अधिक हैं। डी. जी.पी श्री गौरव यादव पंजाब के अनुसार 9000 नशा तस्करों की सूची उनके पास हैं तथा 30 लाख से अधिक लोग नशा लेने के आदी हैं। आम आदमी पार्टी ने पंजाब की इस समस्या का जम कर राजनीतिकरण करते हुए पंजाब के लोगों को विश्वास दिलाया था कि उन की सरकार तीन या चार सप्ताह में पंजाब में नशो का पूर्ण खात्मा कर देंगी, अब जब कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार के झूठे वायदो की पोल खुल चुकी हैं तथा पंजाब में भी मुख्यमंत्री भगवंत मान को भी अपनी सरकार की नैया डगमगाती नजर आ रही हैं तो उन्होंने नशे के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी ता कि अपने को जनता में मुंह दिखाने योग्य बचा सके। यह तो पता नहीं कि पंजाब सरकार की इस नशो के खिलाफ मुहीम का परिणाम कुछ निकलेगा या नहीं , पर यह बात तैय हैं कि नशो का व्यापर तथा नशों से मरने वालों की गिनती इस सरकार के कार्यकाल में तेजी से कई गुणा बढ़ी हैं। अगर सरकार शुरू से ही जाग आती तथा ऐसे प्रयास शुरू कर देती तो शायद इतनी भारी गिनती में जा चुकी कीमती जाने बच जाती।