सरकार से हाईकोर्ट ने सरकार से किया जवाब तलब – कहां गए राहत राशि के 76 लाख रुपये

by
लूहरी प्रोजेक्ट प्रभावितों को सतलुज जल विद्युत निगम प्रबंधन की ओर से जारी 76 लाख की मुआवजा राशि के आवंटन पर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि राहत राशि कहां गई।
अदालत ने मामले में सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे पर असंतोष जताया है और न्याय मित्र को इस पर अपनी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।
लूहरी प्रोजेक्ट में अंधाधुंध ब्लास्टिंग के कारण नरोला गांव के लोगों को जानमाल का खतरा बना है। अवैज्ञानिक तरीके से हो रही ब्लास्टिंग की वजह से घरों में दरारें पड़ गई हैं। लगातार बढ़ते प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव पड़ रहा है। बादाम और सेब के बगीचे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। गांव के ऊपर ढांक व बड़ी चट्टानें हैं, जिनसे पत्थर गिर रहे हैं व इनमें दरारें आ गई हैं। नरोला के लोगों ने 16 नवंबर 2021 को हाईकोर्ट को पत्र लिखकर प्रोजेक्ट की वजह से हो रहे नुकसान और यथास्थिति के बारे में अवगत करवाया। पत्र पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एसजेवीएनएल सहित ग्राम पंचायत को पार्टी बनाकर स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए। आईआईटी रुड़की ने जांच कर रिपोर्ट में कहा कि घरों में दरारें ब्लास्टिंग की वजह से आ रही हैं। इस पर कोर्ट ने सरकार और कंपनी को दरारों को भरने के निर्देश दिए थे।  एसजेवीएनएल ने हाईकोर्ट को बताया कि प्रभावितों को दरारें भरने के लिए 76 लाख रुपये जमा किए गए हैं।
अदालत 13 नवंबर को एसडीएम रामपुर से इसके बारे में जवाब मांगा था कि यह पैसा कहां खर्च किया गया है और किस-किस को दिया गया है। हाईकोर्ट ने सरकार के गोलमोल हलफनामे पर असंतोष जताया है और कोर्ट की ओर से न्यायमित्र को इस मामले में रिपोर्ट दायर करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च 2025 को होगी।
प्रदूषण से फेफड़ों और लीवर की बीमारियों के शिकार हो रहे लोग
नरोला गांव के हरीश ने बताया कि प्रोजेक्ट की वजह और प्रदूषण के कारण लोगों को बीपी, फेफड़े, लीवर और शुगर की बीमारियां हो रही हैं। साथ ही फसलें तबाह हो गई हैं। नीरथ पंचायत के लोगों ने सरकार, कंपनी और ठेकेदारों पर आरोप लगाए हैं कि जब सब सो जाते हैं, तब रात के अंधेरे में ब्लास्टिंग की जाती है। सुबह होते ही सब सतलुज में बहा दिया जाता है। घरों में आई दरारों की मरम्मत के लिए 15,000 रुपये तो किसी को 20,000 हजार रुपये दिए गए। प्रोजेक्ट से ग्राम पंचायत नीरथ, दत्तनगर, थैली चकटी, देलठ, थानाधार, किंगल को नुकसान हुआ है।
Share
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

You may also like

article-image
हिमाचल प्रदेश

जतिन लाल ने DC ऊना का संभाला कार्यभार

ऊना, 2 फरवरी – वर्ष 2016 बैच के आईएएस अधिकारी जतिन लाल ने शुक्रवार को DC ऊना का कार्यभार संभाल लिया। इससे पहले जतिन लाल कौशल विकास निगम शिमला में प्रबंध निदेशक के पद...
हिमाचल प्रदेश

ऑक्सीजन रेगुलेटर, फ्लो मीटर, ह्यूमीडीफायर्स तथा एनआरबी मास्क स्टोर करने पर रोक

शुक्रवार तक एसडीएम या दवा निरीक्षक के पास जमा करना होगा स्टॉक ऊना – जिला प्रशासन ऊना ने ऑक्सीजन सिलेंडर के बाद अब इसके साथ इस्तेमाल होने वाले रेगुलेटर, फ्लो मीटर, ह्यूमीडीफायर्स तथा एनआरबी...
article-image
हिमाचल प्रदेश

चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ की उच्च शिक्षा व स्टाइपेंड पर 60.92 लाख रुपये व्यय करेगी प्रदेश सरकार: डॉ. शांडिल

शिमला : मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष के तहत गठित राज्य स्तरीय समिति की बैठक आज यहां सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में...
article-image
हिमाचल प्रदेश

अधिकारियों ने सार्वजनिक स्थानों व कार्यक्रमों का औचक निरीक्षण किया, कोविड नियम न मानने वालों पर प्रशासन ने कसा शिकंजा

उपायुक्त राघव शर्मा ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को जारी किए थे निरीक्षण करने के निर्देश ऊना  – जिला ऊना में कोविड नियम न मानने वालों के विरुद्ध जिला प्रशासन ऊना सख्ती के साथ...
Translate »
error: Content is protected !!