एएम नाथ। शिमला : पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि इससे पहले कि बहुत देर हो जाए मुख्यमंत्री को चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले की जांच सीबीआई को सौंप देनी चाहिए। यही समय की मांग और नैतिकता का तकाजा भी है।
जब विमल नेगी के परिजन सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं और सरकार की जांच को उन्होंने खारिज कर दिया है तो मुख्यमंत्री को यह मामला सीबीआई को सौंपने में क्या परेशानी है। सोमवार को जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने परिवार को 15 दिन का समय दिया था, लेकिन उन 15 दिन में क्या हुआ। इस केस का एक प्रमुख आरोपी 15 दिन पुलिस की नजर से फरार रहा। उसकी हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत की अपील खारिज हो गई, लेकिन पुलिस ने उनसे पूछताछ करना भी जरूरी नहीं समझा। इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा कि जिस अधिकारी ने ईमानदारी और मेहनत से प्रदेश की सेवा करते हुए अपनी जान गंवा दी, उसके न्याय के लिए परिजनों को कैंडल मार्च निकालना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री सुक्खू के बयान पर पलटवार : नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री के ईडी के छापे वाले बयान से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि एक मुख्यमंत्री के मुंह से इस तरीके की बातें शोभा नहीं देती हैं। ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय का काम अलग है। वह भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामलों की जांच करता है और साक्ष्यों के संकलन के लिए विधिसम्मत तरीके से छापामारी करती है। आखिर सरकार सीबीआई जांच से भाग क्यों रही है। देश की इतनी प्रतिष्ठित एजेंसी से जांच करवाने पर सरकार को ही फायदा है, जो सवाल आज सरकार की छवि, पावर कारपोरेशन के अधिकारियों और मुख्यमंत्री कार्यालय पर उठ रहे हैं। भ्रष्टाचार के जो आरोप पावर प्रोजेक्ट में लग रहे हैं, अगर उनमें कोई सच्चाई नहीं होगी तो सरकार को क्लीन चिट मिल जाएगी।