शिमला। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) बसों में महिलाओं को बस किराए में 50 फीसदी की छूट बंद नहीं होगी। महिलाओं के लिए रियायती सफर सरकार जारी रखेगी।
उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि इसको लेकर अभी तक न तो कोई चर्चा हुई है और न ही कोई प्रस्ताव तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा कि 19 मई को होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में भी इस संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं लाया जा रहा है। न्यूनतम बस किराया 10 रुपए करने व बस किराए में 15 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद यह चर्चा थी कि सरकार महिलाओं को दी जाने वाली छूट को भी बंद कर देगी।
2200 करोड़ के घाटे में HRTC
एचआरटीसी का कुल घाटा 2200 करोड़ है। निगम का प्रति किलोमीटर बस संचालन का खर्चा करीब 80 रुपये है, जबकि आय बेहद कम है। प्रदेश सरकार एचआरटीसी को सालाना करीब 700 करोड़ रुपये की ग्रांट सरकार देती है। सरकार का प्रयास है कि निगम की माली हालत सुधार कर ग्रांट कम करें। इसी के मद्देनजर सरकार ने किराए में बढ़ोतरी की है। इसके अलावा कई सुधारात्मक कदम भी उठाए हैं। इससे पहले एचआरटीसी निदेशक मंडल की बैठक में निजी स्कूलों के बस पास की दरें दोगुनी करने और रियायती कार्ड की दरें दोगुनी कर वैधता अवधि दो साल से घटाकर एक साल करने का निर्णय लिया जा चुका है।
हालांकि, निगम प्रबंधन के प्रयासों से आय में बढ़ोतरी होनी शुरू हुई है। बीते सालों के मुकाबले इस साल निगम की मासिक कमाई बढ़ी है। निगम अपने कर्मियों को महीने की पहली तारीख पर वेतन जारी कर रहा है। इससे पहले वेतन जारी करने की कोई निर्धारित तिथि नहीं होती थी, जिससे निगम के 13,000 कर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। हालांकि, पेंशन को लेकर अभी भी दिक्कत है।
जीरो टिकट पर फिर आदेश जारी
एचआरटीसी ने एक बार फिर परिचालकों को नए निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि निश्शुल्क सफर करने वाली श्रेणियों को जीरो टिकट हर हाल में जारी किया जाए। यदि वह ऐसा नहीं करते और निरीक्षण के दौरान अनियमितता सामने आती है तो फिर उन पर कार्रवाई हो सकती है। पिछले साल सरकार ने यह निर्णय लिया था कि हर श्रेणी को जीरो टिकट दिया जाए। लेकिन कुछ परिचालक कई बार यह टिकट जारी ही नहीं करते हैं।