ऊना : हिमाचल प्रदेश में स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने ऊना जिले के हरोली थाना में तैनात एएसआई निर्मल पटियाल को 3000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों में सफलता हासिल की है। विजिलेंस की टीम ने इस कार्रवाई को डीएसपी विजिलेंस कुलविंदर सिंह की अगुवाई में अंजाम दिया है. घटना के संबंध में आरोपी एएसआई के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत केस दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी गई है.सोमवार दोपहर को आरोपी एएसआई को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, बताया जा रहा है कि दो गुटों में मारपीट की घटना को लेकर समझौता करवाने के लिए इस एएसआई ने एक पक्ष से 3000 रुपये मांगे थे. इस पर विजिलेंस को शिकायत दी गई थी. स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो के थाना ऊना में हरोली उपमंडल के भदसाली गांव के रहने वाले अंकिश कुमार उर्फ मोनू पुत्र रामकुमार राणा ने शिकायत दी थी. शिकायत में कहा कि थाना हरोली में उनके और प्रतिवादी पक्ष के बीच मारपीट की घटना को लेकर क्रॉस शिकायतें लंबित हैं।
इसी मामले में उन्होंने समझौता करने की पेशकश की तो आरोपी सहायक उप निरीक्षक निर्मल पटियाल ने 3000 रुपये की डिमांड कर दी. पुलिस अधिकारी द्वारा पैसे मांगे जाने पर पीड़ित ने स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो ऊना को मामले की जानकारी दी. इसके बाद विजिलेंस ने जाल बिछाकर आरोपी अधिकारी को पकड़ने के लिए प्लान तैयार किया।
विजिलेंस योजना के मुताबिक, रविवार रात पीड़ित युवक विजिलेंस द्वारा दिए गए करेंसी नोट लेकर आरोपी एएसआई के पास पहुंचा और उसने वह राशि एएसआई .सुपुर्द भी कर दी. इसके तुरंत बाद विजिलेंस की टीम ने हरोली थाने में पहुंचकर अंकेश कुमार द्वारा एएसआई को दिए रुपये भी बरामद किए और आरोपी को रंगे हाथों पकड़ने में सफलता हासिल कर ली. आरोपी एसएसआई हिमाचल प्रदेश के पालमपुर का रहने वाला है।