चंडीगढ़ : भगोड़ा करार दिए जा चुके वरिंदर पाल सिंह उर्फ वीपी सिंह उर्फ वीपी हांडा की एफआईआर दर्ज होने के चार साल बाद भी गिरफ्तारी न होने पर पंजाब पुलिस को नाकाम बताते हुए हाईकोर्ट ने इसकी कार्यशैली पर पर सवाल उठाए हैं।
हाईकोर्ट ने मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए 11 फरवरी, 2025 को पंजाब के पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। फिरोजपुर जिले में वरिंदर पाल पर एक एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में आरोपी की चार साल से अधिक समय से गिरफ्तारी नहीं हुई थी। मामले की सुनवाई के दौरान फिरोजपुर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सौम्या मिश्रा ने हलफनामा दाखिल करते हुए बताया कि आरोपी के तीन बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं और 31 कनाल 2 मरले 3 सरसाई (लगभग 4 एकड़) जमीन कुर्क कर दी गई है। उसके खिलाफ अखबारों में ह्यू एंड क्राई नोटिस प्रकाशित कर दिया गया है। पुलिस लगातार आरोपी की तलाश कर रही है।
राज्य सरकार की ओर से पेश वकील ने अदालत को विश्वास दिलाया कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। हालांकि, अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इससे पहले भी 13 नवंबर, 9 दिसंबर और 16 दिसंबर 2024 को ऐसे ही विश्वास दिलाया गया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरोपी की अग्रिम जमानत याचिकाएं पहले ही जिला अदालत, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी हैं। बावजूद इसके आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर है। अदालत ने पुलिस अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि या तो अधिकारी अपनी ड्यूटी करने से बच रहे हैं या फिर पुलिस प्रशासन आरोपी को गिरफ्तार करने में अक्षम है।