मंडियों में धान की लिफ्टिंग ठीक से न होने के मामले पर आज पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने केंद्र और पंजाब सरकार को मीटिंग करके इस समस्या का समाधान करने के आदेश दिए है। दोनों सरकारों के बीच मीटिंग 31 अक्टूबर को होनी है। वहीं दूसरी ओर किसानों का विरोध अभी भी जारी है।
हालांकि 13 नवंबर को चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, ऐसे में सभी पार्टियां किसानों के साथ खड़े होने की कोशिश कर रही हैं। सोमवार शाम को आम आदमी पार्टी के नेताओं ने पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की। टीम का नेतृत्व वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा कर रहे थे। उन्होंने राज्यपाल से कहा कि केंद्र सरकार से धान उठान में तेजी लाने के लिए प्रयास करने को कहा जाना चाहिए। दूसरी ओर सरकार ने दावा किया था कि सोमवार शाम तक चार लाख मीट्रिक धान का उठान हो चुका है और किसानों के खातों में 7600 करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं। सरकार ने सभी मंडियों में अधिकारियों को धान की खरीद में तेजी लाने के आदेश दिए हैं।
इससे पहले पिछले हफ्ते पंजाब के सीएम भगवंत मान ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात की थी। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने भी यह मामला उठाया था। धान की लिफ्टिंग मामले में सभी पार्टिया एक-दूसरे पर हमलावर है।
किसान आज DC ऑफिस का करेंगे घेराव
पंजाब के किसान आज DC ऑफिस का घेराव कर रहे हैं। किसान सुबह करीब 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक जिला प्रशासन कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे। किसान संगठनों की ओर से संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर यह घोषणा की गई। किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने हाल ही में ऑनलाइन एक आपात बैठक बुलाई थी। इस बैठक में धान की लिफ्टिंग और उसकी खरीद पर चर्चा की गई, जिसके बाद इस संबंध में पंजाब सरकार से भी बातचीत की गई। किसानों ने कहा कि मंडियों की स्थिति और धान की लिफ्टिंग की स्थिति को देखते हुए ऐसा लगता है कि धान को एमएसपी से कम रेट पर बेचना पड़ेगा।