एएम नाथ। शिमला । हिमाचल प्रदेश में जंगली मुर्गा प्रकरण में शिमला पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। शिमला के कुपवी की कुलग पंचायत की प्रधान सुमन चौहान और नीटू परमार ने पुलिस को शिकायत दी थी, जिसमें अब मामला दर्ज कर लिया गया है।
अपनी शिकायत में महिला प्रधान ने कहा कि सोशल मीडिया, मीडिया और कई लोगों ने व्यक्तिगत हैंडल पर फर्जी मेन्यू शेयर किया। इस वजह से इलाके के पारंपरिक भोजन और संस्कृति को नुकसान पहुंचा है. इस कारण पूरे चहेता परगना समुदाय में गहरा रोष है. ऐसे में दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएं। शिमला पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने बताया कि 13 दिसंबर को उनके गांव टिक्कर में एक विशेष अथिति आए थे, जिनके स्वागत के लिए गांव की महिलाओं ने पारंपरिक भोजन तैयार किया गया था। लेकिन एक फ़र्जी मेन्यू शेयर किया गया। पुलिस ने शिकायत पर भारतीय न्याय संहिता की धारा-353 और 356 के तहत केस दर्ज किया है। इस मामले में पुलिस के पास पत्रकार संजीव शर्मा, भाजपा विधायक सुधीर शर्मा, दी ट्रिब्यून सहित अन्य कुछ सोशल मीडिया हैंडल के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।
क्या है मामला : दरअसल, हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर 13 दिसंबर को शिमला के कुपवी इलाके के दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने रात को गांव टिक्कर में रात्रि विश्राम किया था। रात को उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ता के घर पर डिनर किया था। हालांकि, इस डिनर का मेन्यू सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इस मेन्यू में जंगली मुर्गे का भी जिक्र था । मेन्यू काफी ज्यादा वायरल हुए थे। सीएम ने मीट खाने से इंकार किया था और कहा था कि वह पहले खाते थे।
मुर्गा परोसने पर उठे थे सवाल : इस मामले पर इसलिए विवाद हुआ था क्योंकि जंगली मुर्गे के शिकार वर्जित है और इसे मारने पर तीन से सात साल की सजा का प्रावधान है। ऐसे में सीएम के कार्यक्रम में जंगली मुर्गो को परोसने पर सवाल उठाए गए थे. वाइल्ड लाइफ एक्ट में जंगली मुर्गो को सरंक्षित जानवर माना गया है।