नए ज़िले के नाम पर खेल करके लोगों को गुमराह किया जा रहा : सरिता शर्मा
गढ़शंकर : बिभिन्न पार्टियों के प्रतिनिधियों ने 11 नवंबर को एसडीएम गढ़शंकर और डिप्टी स्पीकर जय किशन रोड़ी को एक ज्ञापन सौंपा था जिसमें गढ़शंकर को नए प्रस्तावित ज़िले श्री आनंदपुर में शामिल नहीं करने की मांग की गई थी। जिसमें डिप्टी स्पीकर ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया और मामले को रफा-दफा कर दिया। यह शब्द वाटर सप्लाई एंड सीवेरज बोर्ड की पूर्व डायरेक्टर कांग्रेस नेत्री सरिता शर्मा ने कहते हुए कहा कि डिप्टी स्पीकर का एक तरफ़ बयान था कि ऐसी कोई बात नहीं है। ज़िले को लेकर महज़ अफ़वाह है और दूसरी तरफ़ कह रहे है कि माहिलपुर ब्लॉक को होशियारपुर में ही रहने दिया जाएगा। बीत को श्री आनंदपुर साहिव में मिलाया जा सकता है। सरिता शर्मा ने कहा कि अगर बीत के हमारे भाई-बहनों को कोई दिक्कत आती है तो जिले होशियारपुर में ही उनकी समस्या का समाधान किया जाए। उनहीनों कहा कि लेकिन बार-बारडिप्टी स्पीकर रौड़ी को संदेशवाहक बनाकर एक ही बात कहाई जा रही है। उनहिनों कहा कि कहीं 23 नवंबर को सीधा एक नोटिफिकेशन आ जाए कि गढ़शंकर को नए जिले में श्री आनंदपुर साहिब में मिला दिया गया है। जिसके बाद यहीं राजनीतिक नेता सामने आएगे और कहेगें मैं क्या कर सकता था। यह हाईकमान का फैसला था। उन्हीनों कहा कि जाहिर तौर पर कुछ भी ठीक नहीं लग रहा है। क्योंकि डिप्टी स्पीकर रौड़ी का जवाब संतोषजनक नहीं था। न ही यह समझ में आ रहा है। जनता को धोखा दिया जा रहा है। डिप्टी स्पीकर रौड़ी कह रहे हैं कि लोग बिना पानी के जूते उतार रहे हैं। क्या होशियारपुर के सभी वकील बिना किसी कारण के धरना देने बैठ गए? शायद लोग अभी भी सो रहे हैं और बात अभी पूरी तरह से लोगों तक नहीं पहुंची है। आम जनता को कब पता चलेगा। उनका क्या होने वाला है? सभी आवश्यक दस्तावेजों को कैसे अपडेट करना होगा? कोई गरीब व्यक्ति जो बस का किराया भी वहन कर सकता है, वह एक विशेष वाहन किराए पर लेगा और छोटे से छोटे काम के लिए भी जिले में जाएगा। महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों के लिए यह बहुत मुश्किल होगा। अगर सरकार के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं, तो वह इतना बजट कैसे वहन कर सकती है? कई बार, गढ़शंकर और माहिलपुर ब्लॉक को एक-दूसरे के साथ भ्रमित किया जा रहा है ताकि गढ़शंकर के लोगों का ध्यान अन्य मुद्दों से भटकाया जा सके। खनन, टूटी सड़कें, गलियाँ, नालियाँ, भ्रष्टाचार, दिनदहाड़े हत्याएँ जैसे मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए ये तमाशा छोड़ा गया है। बाकी तो ऊँट कैसे करवट बैठता है, ये तो देख ही लेंगे। लेकिन अगर अलग-अलग पार्टियों के नुमाइंदों द्वारा वादे करके उन्हें पूरा न करने पर जनता नाराज़ होती है, तो डिप्टी स्पीकर रौड़ी को जनता के गुस्से का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि जनता किसी भी कीमत पर अपने बच्चों के हितों की बलि नहीं चढ़ने देगी। एक और बात मैं आम जनता से अपील करता हूँ, होशियारपुर ज़िले और गढ़शंकर का वकील समुदाय हमारी लड़ाई लड़ रहा है, हम उनके बहुत आभारी हैं और हमारा फ़र्ज़ बनता है कि हम उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस लड़ाई में उनका साथ दें।
