अब जनता कितनी सुखी महसूस करती है, यह चुनाव नतीजे बताएंगे
एएम नाथ। हमीरपुर : इस बार होने जा रहे लोकसभा चुनाव हों या प्रस्तावित विधानसभा सीटों के उपचुनाव, 17 विधानसभा क्षेत्रों वाले संसदीय क्षेत्र हमीरपुर पर जनता की निगाहें खासतौर पर रहेंगी। इस बार हमीरपुर संसदीय क्षेत्र का इम्तिहान पास करना दोनों ही पार्टियों के लिए जरूरी भी होगा और मजबूरी भी। बात प्रदेश में सत्तासीन कांग्रेस की करें, तो पार्टी को इस बार संसदीय क्षेत्र में दोहरी परीक्षा से गुजरना है। प्रदेश के साथ पूरा देश भी जानता है कि लगभग 26 साल से लोकसभा चुनावों में यहां लगातार कमल अपनी खुशबू बिखेर रहा है। चार बार से लगातार अनुराग ठाकुर जनता की पसंद बने हुए हैं। अनुराग केंद्रीय मंत्री भी हैं और पांचवीं बार भी भाजपा हाईकमान ने उन पर यकीन जताया है। दूसरी तरफ कांग्रेस अभी तक यहां अपना चेहरा ही घोषित नहीं कर पाई है। पूरे प्रदेश के साथ इन चुनावों में खासकर हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में हर कोई यह देखना चाहेगा कि इस संसदीय क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री अपनी दस गारंटियों से जनता का कितना दिल जीत पाएं। हालांकि सरकार के पिछले 15 महीने के कार्यकाल को देखा जाए, तो सुक्खू अपने फैसलों से प्रदेश को सुख की सरकार देने में कामयाब हुए हैं। अब जनता कितनी सुखी महसूस करती है, यह चुनाव नतीजे बताएंगे।
लोकसभा चुनाव से बड़ा चैलेंज सीएम और डिप्टी सीएम के गृहजिलों में होने वाले चार विधानसभा सीटों के प्रस्तावित उपचुनाव हैं। अगर कोर्ट से बागी विधायकों को राहत नहीं मिली, तो लोकसभा चुनावों के साथ ही विधानसभा उपचुनाव की घोषणा चुनाव आयोग कर चुका है।