एएम नाथ। शिमला : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने विधानसभा पर जाली दस्तावेजों के आधार पर नियुक्त कर्मचारी के खिलाफ शिकायत पर कार्रवाई न करने पर 50,000 रुपए की कॉस्ट लगाई। जस्टिस ज्योत्स्ना रिवाल दुआ ने याचिकाकर्ता कमलजीत की याचिका को स्वीकारते हुए विधानसभा सचिव को आठ सप्ताह में दोषी अधिकारियों के खिलाफ जांच करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने जांच को निष्कर्ष तक पहुंचाने और रिपोर्ट सक्षम प्राधिकारी को सौंपने का निर्देश भी दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जूनियर ट्रांसलेटर के पद पर नियुक्ति देने का आदेश भी दिया। जिस कर्मचारी को फर्जी दस्तावेजों पर नियुक्त किया गया था, उसने पहले ही त्यागपत्र दे दिया था। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में नियोक्ता की समय पर कार्रवाई से अन्य अभ्यर्थियों को परेशानी से बचाया जा सकता था। कोर्ट ने विधानसभा को आदेश दिया कि याचिकाकर्ता को 11 सितंबर 2019 को विज्ञापित जूनियर ट्रांसलेटर (ओबीसी) के पद पर दो सप्ताह में नियुक्त करे। याचिकाकर्ता को काल्पनिक नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता और वेतन का लाभ मिलेगा।