रोहित जसवाल। ऊना, 11 नवम्बर. उपायुक्त जतिन लाल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना की प्रगति तथा लाभार्थी बच्चों की स्थिति की समीक्षा के लिए आयोजित
बैठक की अध्यक्षता की। जिला बाल संरक्षण कार्यालय के सौजन्य से आयोजित इस बैठक में उपायुक्त ने लाभार्थी बच्चों से सीधा संवाद किया और उनकी आवश्यकताओं एवं समस्याओं के बारे में जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य को सुरक्षित और सशक्त बनाना जिला प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि बच्चों का सुरक्षित, शिक्षित और आत्मनिर्भर भविष्य सुनिश्चित करना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।उपायुक्त जतिन लाल ने कहा कि इन बच्चों की मुस्कान ही हमारे प्रयासों की वास्तविक सफलता है। प्रशासन उनके साथ हर कदम पर खड़ा है। उनकी शिक्षा, सुरक्षा और समग्र विकास के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि वे किसी भी स्तर पर अपने आपको अकेला महसूस न करें।
उन्होंने बताया कि यह योजना उन बच्चों के लिए प्रारंभ की गई है जिनके माता-पिता दोनों की कोविड-19 महामारी के दौरान मृत्यु हो गई थी। इस योजना के तहत प्रथम से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को प्रति वर्ष बीस हजार रुपये की छात्रवृत्ति दी जाती है, साथ ही अनाथ बच्चों को चार हजार रुपये प्रतिमाह पॉकेट मनी के रूप में सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की जाती है।
उपायुक्त ने यह भी जानकारी दी कि जिला ऊना के चार बच्चे इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत किए गए थे, जिनमें से तीन बच्चों को अब मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना में स्थानांतरित किया गया है, जिससे उन्हें और व्यापक संरक्षण एवं सहयोग प्राप्त हो सके।
बैठक में जिला बाल संरक्षण अधिकारी कमलदीप सिंह सहित विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
