पीलिया से बचाव को लेकर दिए महत्वपूर्ण निर्देश : दूषित जल का सेवन पीलिया का मुख्य कारण- एसडीएम स्वाति डोगरा

by
सरकाघाट, 21 नवम्बर।   एसडीएम स्वाति डोगरा की अध्यक्षता में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में क्षेत्र में बढ़ते पीलिया (हेपेटाइटिस-ए) और अन्य जलजनित रोगों की रोकथाम पर विस्तृत चर्चा हुई।
बैठक में कहा गया कि दूषित जल का सेवन पीलिया का मुख्य कारण है। रोगाणुओं और हानिकारक अशुद्धियों से युक्त पानी पीलिया, टाइफाइड, डायरिया, हैजा और हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारियों को जन्म देता है। ऐसे किसी भी रोग के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है।
May be an image of studying and table
स्वाति डोगरा ने कहा कि यदि लोग व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें, हाथों को नियमित रूप से साबुन से धोएं और ऐसे जल स्रोतों से पानी न पिएं जो संदिग्ध या अस्वच्छ हों, तो पीलिया से आसानी से बचाव संभव है। उन्होंने उबला हुआ पानी पीने, घरों में पानी की टंकियों की समय-समय पर सफाई करने, खाद्य पदार्थों को ढककर रखने और ताज़ा भोजन ग्रहण करने पर विशेष जोर दिया। बैठक में यह भी कहा गया कि खुले में रखे या कटे फलों और सड़े-गले खाद्य पदार्थों का सेवन बीमारियों को आमंत्रित करता है, इसलिए इससे बचना जरूरी है। साथ ही उन्होंने क्षेत्रवासियों से अपील की कि जल स्रोतों को प्रदूषित न करें, कचरा इधर-उधर न फैलाएं और अपने आसपास के वातावरण को साफ-सुथरा रखें, क्योंकि स्वच्छ परिवेश जलजनित रोगों को फैलने से रोकने में सबसे बड़ी भूमिका निभाता है।
May be an image of studying and table
बैठक में पीलिया के लक्षणों जैसे आंखों एवं त्वचा का पीला होना, भूख की कमी, बुखार, मतली, उल्टियां, पेशाब का पीला पड़ना और अत्यधिक थकान आदि के बारे में भी जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया गया। साथ ही यह अपील की गई कि पीलिया से पीड़ित व्यक्ति भारी काम न करें तथा पर्याप्त आराम करें। पीड़ित व्यक्ति शराब का सेवन न करें और झाड़-फूंक या अप्रमाणित उपचार में समय बर्बाद न करें।
एसडीएम ने संबंधित विभागों को सभी पेयजल योजनाओं और जल स्रोतों की तत्काल सफाई करने के निर्देश जारी किए। उन्होंने जनता से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि स्वच्छ जल, स्वच्छ भोजन और स्वच्छ आदतें ही पीलिया से बचाव की सबसे प्रभावी ढाल हैं।
सभी पंचायत प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे अपनी अपनी पंचायत व वार्ड में पेयजल स्रोतों में जल की गुणवता जांच करवाएं तथा सभी सार्वजनिक पेयजल स्रोतों की साफ सफाई सुनिश्चित बनाएं। खंड विकास अधिकारियों को भी इस बारे निर्देश दिए। उन्होंने बाल विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि वे आंगनबाड़ी केंद्रों में भी साफ सफाई सुनिश्चित करें तथा पेयजल की गुणवता की जांच करके ही बच्चों को पानी पिलायें। सभी स्कूल व कॉलेज के प्रधानाचार्यों को पानी की टंकियों की साफ-सफाई सुनिश्चित करने को कहा।
Share
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

You may also like

article-image
हिमाचल प्रदेश

उप मुख्यमंत्री 8 सितम्बर को करेंगे विभिन्न योजनाओं के उद्धघाटन व शिलान्यास

ऊना, 6 सितम्बर – उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री दो दिवसीय ऊना जिला के प्रवास पर रहेंगे। यह जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुकेश अग्निहोत्री 8 सितम्बर को प्रातः 9 बजे हरोली...
article-image
हिमाचल प्रदेश

बैजनाथ जोन छात्राओं की प्रतियोगिता का सीपीएस ने किया शुभारंभ : पढ़ाई के साथ खेलों का भी विशेष महत्व : किशोरी लाल

एएम नाथ। बैजनाथ 01 सितम्बर – मुख्य संसदीय सचिव पशुपालन, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, किशोरी लाल ने राजकीय वरिष्ठ माथ्यमिक पाठशाला कृष्णानगर में बैजनाथ जोन की अंडर – 19 छात्राओं की खेलकूद प्रतियोगिता...
article-image
हिमाचल प्रदेश

ठेकेदार बनना है तो चाहिए 5 से 50 लाख रुपये अचल संपत्ति : सरकार ने बदल दिए नियम, टेंडर होगे आफलाइन

शिमला :  हिमाचल प्रदेश सरकार ने जलशक्ति विभाग में ठेकेदारों को पंजीकृत करने के लिए नियमों में संशोधन किया है। इसके तहत ठेकेदार बनने के लिए पांच से 50 लाख रुपये अचल संपत्ति चाहिए।...
article-image
हिमाचल प्रदेश

जून में 682 कोरोना पॉजीटिव, 6828 वायरस को मात देकर हुए स्वस्थः डीसी

जून माह में जिला ऊना की संक्रमण की दर घटकर 2.72 प्रतिशत तक पहुंची ऊना- जिला ऊना के लिए राहत की खबर है कि एक जून से 14 जून तक कोरोना संक्रमण घटा है।...
Translate »
error: Content is protected !!