जनरल वर्ग के लोगों से फिर वायदा खिलाफी :
चंड़ीगढ़( ब्यूरो) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा घोषित की गई मुफ्त बिजली योजना के अनुसार अब पंजाब के प्रत्येक उपभोक्ता को 300 यूनिट प्रतिमाह मुफ्त बिजली मिलेगी। परंतु यदि जनरल केटागरी के लोगों व दो किलोवाट के ऊपर लगे मीटर वालो की खपत एक यूनिट भी 600 से ऊपर आती है तो पूरा बिल देना पड़ेगा।
लेकिन प्रदेश सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों के साथ-साथ अनुसूचित जातियों एवं पिछड़ी श्रेणियों के लोगों को भी विशेष राहत दी है। दो किलोवाट से कम बिजली कनैक्शन वाले अनुसूचित जातियों तथा पिछड़ी श्रेणियों के लोगों तथा स्वतंत्रता सेनानियों को 300 यूनिट प्रति माह मिलेगा। इन वर्गों के लोगों को दो महीनों में प्राप्त हुए बिजली के बिल में 600 यूनिट से अधिक खपत होने पर अतिरिक्त यूनिटों के लिए ही बिल चुकता करना होगा। पहले इन वर्ग के लोगों को प्रतिमाह 200 यूनिट मुफ्त बिजली मिलती थी।
अपनी सरकार का पहला महीना पूरा होने पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वीडियो संदेश के जरिए मुफ्त बिजली योजना का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि एक जुलाई से प्रत्येक परिवार को प्रत्येक माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाएगी। एससी, बीसी, बीपीएल, स्वतंत्रता सेनानियों को पहले 200 यूनिट मुफ्त बिजली मिलती थी पर यह बढ़ा कर 300 यूनिट कर दी गई है। अब लोगों को दो महीनों में 600 यूनिट माफ किए जाएंगे। इससे ऊपर खर्च किए यूनिटों की गिनती का बिल आएगा।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि 31 दिसम्बर 2021 तक दो किलोवाट तक के उपभोक्ताओं के समूचे बकाया बिल माफ कर दिए गए हैं। मान ने कहा कि अमीर परिवारों को भी 600 यूनिट का लाभ मिलेगा पर यदि उनकी खपत 601 है तो पूरा बिल वसूला जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह अपनी बिजली की खपत घटा कर इस राशि की बचत कर सकते हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि व्यापारिक एवं औद्योगिक बिजली दरों में किसी प्रकार की कोई वृद्धि नहीं की जाएगी और किसानों को सबसिडी मिलती रहेगी।
जनरल वर्ग के लोगों से फिर वायदा खिलाफी :
वर्णनीय है कि विधानसभा चुनावों के वक्त आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के लोगों के साथ पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर प्रत्येक वर्ग को घरों के लिए 300 यूनिट प्रतिमाह विद्युत सप्लाई देने का ऐलान किया था। परंतु पंजाब सरकार द्वारा आज बिजली माफी के दौरान जनरल वर्ग पर यह शर्त रख दी गई है कि यदि दो महीने का बिजली बिल 600 यूनिट से ऊपर आया तो उन्हें 600 यूनिट समेत सभी खपत किए यूनिटों के बिजली का बिल देना पड़ेगा और यह जनरल वर्ग के साथ बड़ा वादाखिलाफी है। लोगों ने कहा कि चुनावों के दौरान आम आदमी पार्टी द्वारा इस तरह की कोई शर्त नहीं रखी गई थी। बल्कि यह कहा जा रहा था कि कुल खपत किए यूनिटों में से 600 यूनिट काट कर शेष खपत किए यूनिटों का बिजली बिल देना पड़ेगा।