गुरदासपुर : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गुरदासपुर के डीसी डॉ. हिमांशु अग्रवाल और पर्यावरण विभाग के सचिव पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मामले में पेश न होने पर की गई है।
अब अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी। मामला दीनानगर के सुनील दत्त की ओर से कचरा प्रबंधन को लेकर नगर काउंसिल दीनानगर के खिलाफ दायर याचिका से संबंधित है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का कहना है कि गुरदासपुर के डीसी और पंजाब पर्यावरण विभाग के सचिव की अनुपस्थिति को पर्यावरण सुधारों के पक्ष में फैसले में अनावश्यक देरी का कारण माना है। एनजीटी ने गुरदासपुर डीसी और पंजाब सरकार के पर्यावरण सचिव को नोटिस जारी किया था। इसमें एक संयुक्त कमेटी का गठन कर शिकायतकर्ता की ओर से पेश किए गए तथ्यों और स्थिति की जांच करने के बाद कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया था।
बता दें पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से एडवोकेट नगिंदर बनिपाल उपस्थित हुए थे। वहीं, दीनानगर एमसी की कार्यकारी अधिकारी किरण महाजन वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ट्रिब्यूनल के समक्ष उपस्थित हुई थीं लेकिन पंजाब राज्य विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण विभाग और गुरदासपुर जिला मजिस्ट्रेट की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं हुआ। इस गैरहाजिरी को पर्यावरणीय मुद्दों के समाधान में देरी माना है, जिसके तहत एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
अब मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च 2024 को होगी। जुर्माने की रकम को एनजीटी बार एसोसिएशन, नई दिल्ली की प्रधान पीठ के पास जमा किया जाएगा। जब गुरदासपुर के डीसी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि एडीसी पर्यावरण संबंधी मामलों का विकास देखते हैं। वे उनसे बातचीत करेंगे और न्यायालय की ओर से लगाए गए जुर्माने के मामले में अपना पक्ष रखेंगे।