चंडीगढ़ :किसान आंदोलन के दौरान खनौरी बॉर्डर पर घायल हुए प्रितपाल को लेकर बड़े खुलासे किए गए हैं। गो यूनाइटेड सिख्स ने चंडीगढ़ में पत्रकारिता वार्ता में बताया कि प्रितपाल को बोरी में बंद करके पीटा गया, इस कारण से उसके चेहरे पर ही 5 फ्रैक्चर हो गए हैं। हालात इतनी खराब है कि वह पानी नहीं पी सकता। उसे नलियों के जरिए पानी पिलाया जा रहा है। यूनाइटेड सिख्स की ओर से इस मामले को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका डाली गई है।
यूनाइटेड सिख की ओर से बताया गया कि हाईकोर्ट के जरिए प्रितपाल सिंह को रोहतक पीजीआई से चंडीगढ़ पीजीआई में वारंट अधिकारी के जरिए से शिफ्ट करवाया गया है। यूनाइटेड सिख्स वकील गुरमोहनप्रीत सिंह ने चंडीगढ़ में बताया कि अब इस मामले की 4 मार्च को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। यूनाइटेड सिख्स के वकील गुरमोहन प्रीत सिंह ने बताया कि हमने यह जानकारी फोटो सहित अदालत में भी दी है जिस पर हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी तक की कि क्या यह जलियांवाला बाग है। उन्होंने बताया कि अन्य घायलों को लेकर भी विस्तृत जानकारी इकट्ठी की जा रही है। वकील के द्वारा बताया गया कि अभी तक हमने दो अलग-अलग याचिकाएं दायर करके यह साबित करने की कोशिश की है कि सभी तरह की धाराओं, नियमों और कानून आदि का उल्लंघन करके किस तरह से निहत्थे किसानों पर उन हथियारों को उन पर यूज किया जा रहा है जो मिलिट्री के लोग दुश्मनों पर करते हैं।
यूनाइटेड सिख्स के वकील ने कहा कि वह पानी पीने के योग्य भी नहीं था लेकिन रोहतक पीजीआई के मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने हमारी मदद की। जिसके चलते हम उसे रोहतक पीजीआई से चंडीगढ़ पीजीआई में लाने में कामयाब हुए हैं । उन्होंने कहा कि प्रितपाल सिंह वहां पर लंगर की सेवा कर रहा था। प्रितपाल सिंह के मामले की हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 4 मार्च को होनी है जबकि जिन अन्य घायलों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है उसकी सुनवाई 7 मार्च को होगी।
पंजाब सरकार पर साधा निशाना :पंजाब सरकार पर गुरु मोहन प्रीत ने निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने इस मामले में हमारी कोई सहायता नहीं की है। सबसे अहम बात यह है कि सरकार की ओर से यह मामला हरियाणा सरकार के पास तक नहीं उठाया गया है। जबकि यह पंजाब के अधिकार क्षेत्र का भी मामला है, जिसका उल्लंघन किया गया है। उन्होंने बताया कि एक अन्य घायल जसकरण सिंह को एसएलआर की बुलेट लगी है, जो उसके आर पार हो गई है। पुष्पेंद्र सिंह नाम के एक युवक की आंख की पुतली दो फाड़ हो चुकी है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में किसानों के प्रदर्शन हो रहे हैं लेकिन कहीं भी इस तरह की पीड़ा उन्हें नहीं दी जा रही है । हमने अदालत से न्यायिक जांच की भी मांग की है।
किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने बताया उन्होंने इस मामले को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जबकि इससे पहले उन्होंने पंजाब और हरियाणा के डीजीपी से भी बात की थी लेकिन किसी ने भी हमारी नहीं सुनी। हमें हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा और वारंट अफसर के माध्यम से जब हम रोहतक पीजीआई में पहुंचे तो देखा कि प्रितपाल सिंह की हालत बहुत ज्यादा बुरी है।