अमृतसर : गोल्डन टेंपल परिसर में एक कर्मचारी की कृपाण से छाती गोदकर हत्या कर दी गई। यह वारदात गोल्डन टेंपल परिसर में स्थित सिखों की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के ऑफिस की अकाउंट्स ब्रांच में हुई। हत्या के बाद कातिल वहां से फरार हो गया। कत्ल करने वाला एसजीपीसी की धर्म प्रचार कमेटी का मेंबर था। मरने वाले कर्मचारी की 31 अक्टूबर को ही रिटायरमेंट थी। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर छानबीन की। उसके बाद मृतक से संबंधित लोगों के बयान लेकर कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस के मुताबिक सुखबीर सिंह और दरबारा सिंह शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की अकाउंट ब्रांच में काम करते हैं। उनके बीच कोई पुराना विवाद चल रहा था। दोपहर करीब डेढ़ बजे सुखबीर अपने साथियों के साथ अकाउंट्स ब्रांच में दरबारा के पास पहुंचा। वहां पहले दोनों के बीच बहस हुई। इसके बाद दोनों ने एक-दूसरे पर हमला कर दिया। इसके बाद आरोपी सुखबीर सिंह ने कृपाण (खुद की पहनी हुई श्री साहिब) से दरबारा सिंह पर हमला कर दिया। दरबारा की छाती पर वार किए गए। करीब 5 बार तलवार के वार से दरबारा सिंह वहीं बेहोश होकर गिर गया।
दरबारा सिंह को जमीन पर गिरते ही बेहोश होते देख सुखबीर समझ गया कि अब वह जिंदा नहीं बच सकेगा। यह देखकर वह वहां से फरार हो गया। इसके बाद तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। फिर पुलिस ने वहां पहुंचकर पूर मामले की जांच की। सुखबीर और दरबारा के बीच हुए झगड़े का शोर सुनकर सभी कर्मचारी अकाउंट्स ब्रांच के ऑफिस में पहुंचे। वहां दरबारा सिंह घायल पड़ा हुआ था। सुखबीर अपने दोनों साथियों के साथ वहां से फरार हो चुका था। इसके बाद एसजीपीसी कर्मचारियों ने तुरंत एंबुलेंस बुलाई। जिसके बाद उसे श्री गुरु रामदास पहुंचाया। अस्पताल में इलाज के दौरान दरबारा सिंह की मौत हो गई।
गोल्डन टेंपल मैनेजर जगतार सिंह ने आगे बताया कि सुखबीर सिंह और दरबारा सिंह के बीच कोई पुराना विवाद चल रहा था। सुखबीर सिंह धर्म प्रचार कमेटी में कार्यरत है, जबकि दरबारा सिंह अकाउंट्स ब्रांच में है। लंच ब्रेक के समय जब सभी खाना खाने चले गए थे, दरबारा सिंह अपने ऑफिस में बैठा था। इसी दौरान सुखबीर सिंह अपने दो साथियों के साथ आया। दो साथी कौन थे, इसकी जानकारी अभी तक नहीं चल पाई है। इसके बाद दोनों के बीच जमकर बहस हुई। सुखबीर ने अपनी पहनी हुई श्रीसाहिब निकाली और दरबारा सिंह की छाती पर 5 वार किए। वे तब तक वार करता गया, जब तक वे गिर ना गया। इससे दरबारा सिंह की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि सुखबीर को कुछ समय पहले ही धर्म प्रचार कमेटी में शामिल किया गया था। उन्होंने बताया कि कमेटी ने सुखबीर को सस्पेंड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
एसजीपीसी सचिव प्रताप सिंह ने कहा कि आज बुरी घटना घटी। श्री हरिमंदिर साहिब की अकाउंट्स ब्रांच में दो मुलाजिम आपस में झगड़ पड़े। जिसके साथ एक मुलाजिम दरबारा सिंह को गंभीर चोटें लगी। इसकी पड़ताल शुरू करने के लिए चीफ को कह दिया गया है। जिस मुलाजिम ने ये घटना को अंजाम दिया है, उसे तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर रहे हैं।
बाकी जो भी अनुशासनिक कार्रवाई होगी और पुलिस भी इसकी जांच करेगी। ऐसे किसी कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा, जो हमारे प्रबंध को बिगाड़ रहा है। इस मामले में चाहे कोई भी और कितने भी मुलाजिम हों, सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ये घटना 1.15 बजे के करीब ये घटना हुई। जब ये घटना हुई मृतक भी खाना खा रहा था। पता चला है कि इनका कोई निजी पारिवारिक झगड़ा था। घर में भी इनकी ये तकरारबाजी चलती आई है। आरोपी सुखबीर एसजीपीसी क्वार्टरों में रहता था, जबकि मृतक दरबारा सिंह अमृतसर के गांव कादराबाद का रहने वाला था। इन दोनों के बीच विवाद क्या था, यह परिवार से बातचीत के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।