NSUI (कांग्रेस) से नहीं मिला टिकट तो निर्दलीय जीता पंजाब यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव, अनुराग दलाल ने रचा इतिहास

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पीयू स्टूडेंट काउंसिल इलेक्शन में प्रेसिडेंट के लिए निर्दलीय उम्मीदवार अनुराग दलाल के सिर जीत का सेहरा सज गया है। वह पीयू के नए सरताज बन गए हैं। मतगणना के दौरान अनुराग दलाल शुरू से ही बढ़त बनाए हुए थे। अनुराग दलाल को कुल 3433 से वोट मिले हैं।  अनुराग दलाल ने अपने नजदीकी उम्मीदवार आम आदमी पार्टी के छात्र संगठन CYSS के प्रिंस चौधरी को 303 वोटों से हराया. वहीं, उपाध्यक्ष पद पर NSUI के अर्चित गर्ग ने बाजी मारी.

चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार अनुराग दलाल को 3434 मत मिले. जबकि प्रिंस को 3129 वोट मिले. वहीं ABVP की अमृता मलिक तीसरे नंबर पर रहीं. उन्हें 1114 मत हासिल हुए. जबकि कांग्रेस स्टूडेंट विंग NSUI के उम्मीदवार राहुल जैन चौथे नंबर पर रहे. उन्हें केवल 497 वोट मिले. जीत के बाद निर्दलीय उम्मीदवार अनुराग दलाल की प्रतिक्रिया सामने आई है. उनके मुताबिक, उनका किसी राजनीतिक परिवार से कोई संबंध नहीं रहा है. अनुराग दलाल ने कहा वे हमेशा स्टूडेंट के हक में खड़े रहेंगे और उनका किसी भी पार्टी को जॉइन करने का कोई इरादा नहीं है.

पहली बार जीता कोई निर्दलीय :   सीनेटर प्रो. नवदीप गोयल ने बताया कि यह पहली बार है कि कोई निर्दलीय छात्र अध्यक्ष पद जीता हो। इससे पहले कभी कोई निर्दलीय छात्र अध्यक्ष पद पर नहीं जीता। अनुराग दलाल ने एनएसयूआई वापस ज्वाइन करने पर साफ इनकार किया और कहा कि यह चुनाव छात्र वर्सिज सरकार था जिसमें विद्यार्थियों की जीत हुई। पीयू की छात्र राजनीति में अक्सर बाहरी नेताओं का हस्तक्षेप देखा जाता है जहां उम्मीदवारों को सिफारिशी टिकट मिलती है लेकिन छात्रों ने उन्हें जिता कर नेताओं की राजनीति को फेल कर दिया। पिछली बार जहां जतिंदर को 3002 वोट पड़े थे अनुराग को 3433 मत मिले।

सिकंदर बूरा बने ‘किंगमेकर’ :   एक बार फिर स्टूडेंट काउंसिल इलेक्शन में NSUI के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सिकंदर बूरा किंगमेकर साबित हुए. उन्होंने लगातार दूसरी बार अपने समर्थित उम्मीदवार को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई. बूरा ने इस चुनाव से महज एक सप्ताह पहले ही NSUI के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पार्टी हाईकमान के साथ अध्यक्ष उम्मीदवार को लेकर सहमति नहीं बनने के कारण बूरा ने इस्तीफा दिया था. सिकंदर बूरा ने अनुराग दलाल के लिए टिकट मांगा था.

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बूरा ये कहकर चले गए थे कि अध्यक्ष पद के उम्मीदवार को लेकर दिल्ली से तुगलकी फरमान जारी हुआ. अपने समर्थित उम्मीदवार की जीत के बाद बूरा ने कहा कि यह उन सभी को जवाब है जिन्होंने उन्हें धोखा दिया और सच्चे, लंबे समय से काम करने वाले लोगों को दरकिनार किया. 26 साल के अनुराग दलाल की बात करें तो वो हरियाणा के रोहतक जिले के रिहायश लाखन गांव के रहने वाले हैं. वो केमिस्ट्री डिपार्टमेंट में PhD स्कॉलर हैं. दलाल के माता पिता टीचर हैं, जबकि भाई डॉक्टर है.

नए सदस्यों का चुनाव 5 सितंबर को कड़ी सुरक्षा के बीच हुआ. यूनिवर्सिटी के 15,854 छात्र इस मतदान के लिए पात्र थे. चुनाव सुबह साढ़े नौ शुरू हुआ और तकरीबन 11 बजे तक चला. मतदान के लिए 180 केंद्र बनाए गए थे, जहां कुल 300 मतपेटियां रखी गईं थी. इस चुनाव में कुल 23 उम्मीदवार मैदान में थे. अध्यक्ष पद के लिए आठ, सचिव पद के लिए चार, उपाध्यक्ष पद के लिए पांच और संयुक्त सचिव पद के लिए छह उम्मीदवार मैदान में थे.

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