सुक्खू सरकार के खिलाफ पेंशनरों ने मोर्चा खोल दिया है। पेंशनर्स ने सरकार के खिलाफ़ प्रदेश भर में प्रदर्शन शुरू कर दिए है। शुक्रवार को राजधानी शिमला में उपायुक्त कार्यालय के बाहर भी पेंशनर्स ने जोरदार प्रदर्शन किया। पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष आत्मा राम शर्मा ने कहा कि जुलाई माह में पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन की राज्यस्तरीय बैठक ऊना में हुई थी। जिसमें पैंशनर्स ने सरकार को 15 सितंबर तक जेसीसी गठन की मांग या वार्ता को बुलाने का समय दिया था। लेकिन प्रदेश सरकार ने अब तक ना तो जेसीसी का गठन किया और ना ही पैंशनर्स को वार्ता के लिए बुलाया। जिसके कारण पेंशनर सुक्खू सरकार से नाराज हो गए हैं। सड़कों पर उतारने का फैसला कर लिया है।
उन्होंने कहा कि वेलफेयर एसोसिएशन के आव्हान पर आज पूरे प्रदेश में प्रदर्शन हो रहे है और सभी जिला मुख्यालयों से पेंशनर्स डीसी व अन्य अधिकारियों के माध्यम से सीएम सुक्खू को ज्ञापन सौंपेंगे। जिसमे सरकार से जल्द जेसीसी गठन की मांग की जाएगी । शर्मा ने कहा कि जेसीसी में सिर्फ वितीय मुद्दे नही बल्कि पेंशनर्स के अन्य प्रशासनिक पर भी चर्चा होती है। इसलिए पेंशनर्स की मांग है जल्द उसको बुलाया जाएं और पेंशनर्स के मुद्दों को सॉल्व करें सरकार। उन्होंने कहा कि सरकार यदि पेंशनर्स को जल्द वार्ता के लिए नही बुलाती तो पेंशनर्स प्रदेश सरकार के खिलाफ़ उग्र आंदोलन करेंगे।
पैंशनर्स की मांगे : पेनशरों के मेडिकल बिल काफी समय से लंबित पड़े हैं। जनवरी 2016 से लेकर दिसंबर 2021 तक सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को अभी तक पेंशन के पूरे लाभ नहीं मिले हैं। कम्यूटेशन की राशि कटौती 10 साल के बाद बंद की जाए। इसके अलावा छठे वेतन आयोग के एरियर का भुगतान, डीए की किस्त, व जेसीसी के गठन की मांग पेंशनर काफी समय से कर रहे हैं। लेकिन मांगे मानना तो दूर सरकार पेंशनरों को बातचीत के लिए भी नहीं बुला रही है। प्रदेश सरकार सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हितों की लगातार अनदेखी कर रही है। जिसके चलते पेंशनरों में रोष है और आज सड़कों पर उतरे है।