पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पिछले 13 महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को 19 मार्च की रात पंजाब पुलिस ने बल पूर्वक हटा दिया था। पुलिस ने किसानों के सभी आस्थायी ठिकानों को तोड़ दिया था। इसको लेकर कांग्रेस आम आदमी पार्टी पर हमलावर है और बीजेपी के साथ मिलकर किसानों के खिलाफ काम कर रही है। दूसरी ओर लंबे वक्त से किसान आंदोलन के चलते पंजाब में विरोध का सामना कर रही बीजेपी ने अपनी रणनीति में बदलाव के संकेत दिए हैं।
पंजाब बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भगवंत मान सरकार पर हमला बोला और कहा कि पहले उन्होंने किसानों को हाईवे बंद करने की अनुमति और बाद में उन्हें खाली करने के लिए ताकत का इस्तेमाल किया। सुनील जाखड़ ने दावा किया कि यह मान सरकार ही थी जिसने सबसे पहले किसानों को धरने पर बैठने के लिए उकसाया और वही प्रशासन अब लुधियाना पश्चिम उपचुनाव से पहले वोट हासिल करने के लिए शंभू बॉर्डर और खनौरी कराने के लिए क्रेडिट लेने की कोशिश कर रही है।
भगवंत मान सरकार पर बीजेपी का हमला
सुनील जाखड़ पूरे मामले में रिएक्शन यह संकेत देता है कि किसानों के विरोध और उनके गुस्से का खामियाजा भुगतने वाली बीजेपी अब इस मुद्दे को नए सिरे से रणनीति बना रही है। नाम न बताने की शर्त पर एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि पहले किसानों ने केंद्र में बीजेपी और केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ आंदोलन किया था।
बीजेपी नेता ने कहा कि अब हम इसे नए सिरे से परिभाषित करेंगे। किसान अपमानित महसूस कर रहे हैं। उन्हें एहसास हो गया होगा कि सत्तारूढ़ AAP सरकार ने उनके साथ यूज एंड थ्रो की नीति अपनाई है।
किसानों के मुद्दों को हल करने की बात कर रही बीजेपी?
बीजेपी नेता ने कहा कि पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए उत्सुक है, उन्होंने बताया कि किसान यूनियन नेताओं और केंद्र के बीच अगले दौर की वार्ता 4 मई को निर्धारित की गई थी। उन्होंने कहा कि हम उनकी मांगों को संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पंजाब सरकार द्वारा यह कार्रवाई करने के बाद, अब बीजेपी पंजाब में नई दिशा अपनाने के लिए तैयार है। पंजाब के हिलाया सियासी समीकरण संकेत के दे रहे हैं कि किसानों पर मान सरकार की कार्यवाई के बाद राज्य में बीजेपी के लिए जमीनी स्तर पर विस्तार करने का एक बड़ा मौका आ गया है। पटियाला के एक नेता ने कहा कि 15 दिनों के भीतर ही पंजाब में पूरा समीकरण बदल गया है। अब किसान बनाम पंजाब सरकार हो गई है।
2027 में फायदे की उम्मीद कर रही बीजेपी
बीजेपी का मानना है कि भगवंत मान सरकार के खिलाफ यह बयान पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने में सहायक होगा, जो कई वर्षों से विभिन्न असफलताओं से जूझ रहे हैं। राज्य में बीजेपी की स्थिति की बात करें, तो बीजेपी के पास केवल दो ही विधायक हैं। पार्टी 2024 के चुनावों में राज्य से एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत पाई जबकि उसे 18.5% वोट मिले थे। उसे उम्मीद है कि किसानों का मुद्दा उसे 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए जमीन तैयार करने में मदद कर सकता है।
बीजेपी फिर से खड़ा करेगी संगठन
मान सरकार के खिलाफ अभियान चलाने के लिए भाजपा नेतृत्व ग्रामीण क्षेत्रों में संपर्क कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से शामिल हो रहा है। भगवंत मान सरकार के खिलाफ बीजेपी ग्रामीण क्षेत्रों में आक्रामक कैंपेनिंग कर रही है। अपने संगठन को फिर से खड़ा करने के लिए रोडमैप पर बीजेपी प्रवक्ता प्रीतपाल सिंह बलियावाल ने कहा कि हम लोगों को पीएम आवास योजना ग्रामीण, भारत जन आरोग्य योजना और किसान सम्मान योजना, जैसी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन भरने में मदद कर रहे हैं। बीजेपी पंजाब और पंजाबियों की बेहतरी के लिए काम कर रही है और हम ऐसा करना जारी रखेंगे।
भारतीय किसान यूनियन (उग्राहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्राहां ने पहले कहा था कि मान अब बीजेपी की भाषा बोल रहे हैं।” वहीं, आप ने शंभू और खनौरी में अपनी कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि यह हाईवे की नाकेबंदी के कारण प्रभावित राज्य की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए आवश्यक था।