एएम नाथ। शिमला : प्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को प्रोत्साहित करने और हरित परिवहन को बढ़ावा देने के लिए ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। इस दिशा में अब तक राज्य में छः ग्रीन कॉरिडोर विकसित किए जा चुके हैं ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा राज्य सरकार ने 402 स्थानों पर ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने को स्वीकृति प्रदान की है। चयनित स्थानों में मुख्य रूप से सरकारी परिसरों जैसे लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह, परिधि गृह, उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों के कार्यालय परिसर आदि शामिल हैं। इनमें से लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृहों में 252, जल शक्ति विभाग के विश्राम गृहों में 19, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड निगम के परिसरों में 18, वन विभाग के परिसरों में 100, उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसरों में 12 तथा बीबीएनडीए कार्यालय में एक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार की इस पहल का उद्देश्य राज्य में एक मजबूत और प्रभावी ईवी चार्जिंग नेटवर्क विकसित करना है। इससे सरकारी विभागों को इलेक्ट्रिक वाहनों अपनाने में सुविधा मिलने के साथ-साथ हरित परिवहन को बढ़ावा मिलेगा। यह कदम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा। राज्य सरकार ने सभी विभागों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के निर्देश दिए हैं, जिसके चलते प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है। प्रदेश में अब तक 4997 इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण हो चुका है। ई-टैक्सी योजना के तहत 500 इलेक्ट्रिक टैक्सियों को विभिन्न सरकारी विभागों में शामिल किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य राज्यों से आने वाली ई-बसें और टैक्सियां भी प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे रही हैं। इसके दृष्टिगत प्रदेश में ई-चार्जिंग स्टेशनों की आवश्यकता और अधिक बढ़ गई है।