हो जाएं सावधान अगर जा रहे हिमाचल ! वाहनों में डस्टबिन लगाकर ही करें एंट्री करे हिमाचल में…. नहीं तो होगा ये नुकसान

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एएम नाथ। शिमला :  हिमाचल प्रदेश में आज  से हर कमर्शियल वाहन में कूड़ेदान होना अनिवार्य कर दिया गया है. ये फैसला इसलिए लिया गया है ताकि लोग गाड़ी से कचरा सड़क या रास्ते पर ना फेंके. ये नियम फिलहाल कमर्शियल वाहनों पर लागू होगा। आगे इसके दायरे में सरकारी बसें भी आएंगी और प्रदेशभर में ये नियम आज से लागू हो गया है.
हालांकि पहले दिन उसका ज्यादा असर देखने को नहीं मिला और वाहनों में डस्टबिन बैग भी देखने को नहीं मिले लेकिन आने वाले दिनों में बॉर्डर पर वाहनों की चेकिंग की जाएगी और इस नियम को सख्ती से लागू किया जाएगा. चालकों का कहना है कि उन्हें गाड़ी में डस्टबिन रखने में दिक्कत नहीं है. लेकिन निजी वाहनों पर भी ये नियम लागू होना चाहिए क्योंकि निजी वाहन में बैठे लोग भी तो गंदगी फैलाते हैं.
इन वाहनों में कूड़ेदान होगा अनिवार्य
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक डीसी राणा ने बताया कि प्रदेश में प्लास्टिक कचरे की समस्या दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है. इसमें बहुत सारा कचरा वाहनों के माध्यम से फैलाया जा रहा है. कचरे की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने ये फैसला लिया है. जिसके तहत टैक्सियों सहित सभी ट्रांसपोर्ट वाहनों, जैसे वोल्वो बसें, HRTC बसें, प्राइवेट बसें और टेंपो ट्रेवलर में कूड़ेदान लगाना अनिवार्य होगा.
वैसे तो हिमाचल में हर साल कई पर्यटक अपनी गाड़ियां लेकर पहुंचते हैं. फिलहाल निजी वाहनों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है. लेकिन ये मुहिम सफल रही तो आने वाले वक्त में निजी वाहनों में भी डस्टबिन लगाना अनिवार्य हो सकता है.
डीसी राणा का कहना है कि ये स्टेट का कानून है और प्रदेश में प्रवेश करने वाले बाहरी राज्यों के कमर्शियल पैसेंजर व्हीकल पर भी ये लागू होगा. डस्टबिन का कोई बड़ा खर्च नहीं है. इसमें 200 से 500 रुपए का प्लास्टिक डस्टबिन गाड़ी में फिक्स किया जा सकता है. जिससे पहाड़ी प्रदेश हिमाचल को साफ सुथरा रखने में मदद मिलेगी.
प्लास्टिक की छोटी बोतलों पर प्रतिबंध
हिमाचल प्रदेश को पहले से ही प्लास्टिक मुक्त राज्य घोषित करने की दिशा में कार्य चल रहा है. हिमाचल प्रदेश में पानी की छोटी बोतलों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. छोटी बोतलों पर प्रतिबंध 1 जून 2025 से प्रभावी होगा. पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए सरकार ने हिमाचल जीव अनाशित कूड़ा-कचरा नियंत्रण अधिनियम-1995 की धारा 3-ए (1) के तहत इसकी अधिसूचना जारी की है. अधिसूचना के अनुसार 500 मिलीलीटर क्षमता तक की प्लास्टिक (पीईटी) पानी की बोतलों का उपयोग विभागों, बोर्डों, निगमों और अन्य संस्थाओं की बैठकों, सम्मेलनों में प्रतिबंधित रहेगा.
सरकार ने वाहन में कार बिन्स न लगाने पर 10 हजार और जैविक कचरा इधर-उधर फेंकने पर 1,500 रुपये जुर्माना निर्धारित किया है. यह प्रावधान आज से पूरे राज्य में लागू हो गए हैं।
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