होशियारपुर । पंजाब के होशियारपुर के जहान खेला में पुलिस भर्ती केंद्र में प्रशिक्षण के दौरान छह मुलाजिम डोप टेस्ट में फेल हो गए हैं। उनके डोप टेस्ट का रिजल्ट पॉजिटिव आया है. इसके बाद उनको उनकी सेवा से बर्खास्त करते हुए उनके जिलों लुधियाना, तरनतारन और पटियाला में वापस भेज दिया गया है।
होशियारपुर के सिविल सर्जन ने मेडिकल जांच के बाद परिणामों की पुष्टि की है।
जानकारी के मुताबिक, पुलिस भर्ती केंद्र में प्रशिक्षण के दौरान आरोपी मुलाजिम संदिग्ध व्यवहार करते हुए पाए गए थे. इसके बाद 21 मई को सिविल अस्पताल होशियारपुर में उनके डोप टेस्ट किए गए थे. कैंप एडजुटेंट (आउटडोर) कुलदीप सिंह ने एक बयान में बताया कि प्रशिक्षु मुलाजिमों के व्यवहार से गंधहीन नशीले पदार्थों के सेवन का संकेत मिला, जिसके बाद उनका टेस्ट कराया गया।
बर्खास्त किए गए प्रशिक्षुओं में पटियाला जिले के तीन, तरनतारन के दो और लुधियाना का एक शामिल है. सिविल सर्जन कार्यालय ने प्रशिक्षण केंद्र के अधिकारियों को सकारात्मक परिणामों की पुष्टि की, जिसके बाद तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई. लुधियाना के पुलिस आयुक्त, तरनतारन और पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इस बाबत पत्र भेजा गया है।
बताते चलें कि पंजाब तेजी से नशे की जाल में जकड़ता जा रहा है. यहां के ज्यादातर युवा ड्रग्स का शिकार हो रहे हैं. यही वजह है कि इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नवांशहर के लंगड़ोआ गांव से राज्यव्यापी नशा मुक्ति यात्रा की शुरुआत किया था. ये मुहिम पंजाब सरकार के ‘युद्ध नशयां विरूद्ध’ का एक हिस्सा है. इसका मकसद लोगों को जागरूक करना है।
इस दौरान आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल भी मौजूद थे. उन्होंने कहा था कि हम पंजाब से नशा खत्म करके रहेंगे. इसके लिए मुझे अपनी जान ही क्यों न गंवानी पड़े. उन्होंने कहा था, ”यहां आने से पहले मैंने सोचा था कि लोग कहेंगे कि युद्ध नशयां विरूद्ध मुहिम के बाद नशा थोड़ी कम हुआ है, लेकिन मुझे बेहद खुशी हुई, जब लोगों ने कहा कि हमारा गांव नशा मुक्त हो गया है।
केजरीवाल ने आगे कहा था कि पिछली सरकारों ने पंजाब को बदनाम कर दिया था. पहले नशे पर ‘उड़ता पंजाब’ जैसी फिल्में बनती थीं. जबकि किसी समय पंजाब सोने की चिड़िया कहलाता था और देश का नंबर-वन राज्य था. आज 17वें और 18वें नंबर पर पहुंच गया है. ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि पिछली सरकार के मंत्री खुद अपनी गाड़ियों में नशा लेकर पूरे पंजाब में बांटा करते थे।