मंडी, 19 सितम्बर। उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने आज (बुधवार) यहां अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत जिला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की बैठक ली। उन्होंने अधिनियम के तहत लंबित पुराने मामलों के जल्द निपटारे पर बल दिया। उन्होंने बताया कि जिला में इस साल एक अप्रैल से 18 सितम्बर तक इस अधिनियम के अंतर्गत 48 पीड़ितों को 31 लाख 58 हजार रुपये की राहत राशि वितरित की जा चुकी है।
उपायुक्त ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के अंतर्गत अगस्त 2023 तक 161 मामले जिले के विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं।
अरिंदम चौधरी ने कहा कि जिला में विभिन्न थानों के अंतर्गत नवीनतम जानकारी के अनुसार जनवरी 2023 से अब तक 42 मामलों बारे रिपोर्ट प्राप्त हुई है। जिसमें से 21 मामले अन्वेषणाधीन, 15 मामले न्यायलय हेतु विचाराधीन, 3 मामलों में क्लोजर रिपोर्ट, 2 मामलों की कैंसिलेशन रिपोर्ट तथा एक मामला वर्ष 2022 का अन्वेषणाधीन है।
जन जागरूकता पर जोर
उपायुक्त ने कहा कि जिला में अधिनियम के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से जागरूक शिविरों का भी आयोजन किया जाना आवश्यक है। इस संदर्भ में उन्होंने जिला कल्याण अधिकारी को जिला के अलग-अलग स्थानों पर शिविरों का आयोजन करने के निर्देश दिए।
इन कार्यक्रमों की भी की समीक्षा
उपायुक्त ने इसके अलावा अल्पसंख्यकों के कल्याणार्थ प्रधानमंत्री 15 सूत्रीय कार्यक्रम की जिला स्तरीय बैठक, दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के अंतर्गत जिला स्तरीय दिव्यांगता समिति की बैठक भी ली।
3 महीने में पूरा करें यूडीआइडी पहचान पत्र जारी करने का शेष कार्य 16459 दिव्यांगजनों को जारी किए जा चुके हैं यूडीआइडी
उपायुक्त ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के अंतर्गत जिला स्तरीय दिव्यांगता समिति की बैठक में दिव्यांगजनों के पुनर्वास व सशक्तिकरण से संबंधित मामलों पर चर्चा की। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को मैनुअल आधार पर बनाए गए दिव्यांगता प्रमाण पत्रों को डिजिटाइज करने के मामलों को तीन महीने के अंदर निपटाने के आदेश दिए।
उन्होंने बताया कि जिला में पूर्व में 24586 दिव्यांगजनों के पास मैनुअली बने दिव्यांगता प्रमाण पत्र थे, जिनमें से 16459 दिव्यांगजनों को यूडीआइडी पहचान पत्र जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने अल्पसंख्यकों के कल्याणार्थ प्रधानमंत्री 15 सूत्रीय कार्यक्रम में जिला में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए विभिन्न विभागों की योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा की।
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