नई दिल्ली : ED ने कहा कि भूषण स्टील लिमिटेड के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी मामले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और ओडिशा के कुछ शहरों में 367 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क की गई है। ईडी ने एक बयान में कहा कि फर्जी निदेशकों के माध्यम से बेनामीदारों/ फर्जी कंपनियों के नाम पर की गई संपत्तियों को कुर्क करने के लिए धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया गया है।
भूषण स्टील लिमिटेड (बीएसएल) का वर्ष 2018 में टाटा स्टील लिमिटेड ने कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) पूरा करने के बाद अधिग्रहण कर लिया था. ईडी ने बीएसएल, उसके प्रबंध निदेशक नीरज सिंगल और सहयोगियों पर ‘कई फर्जी कंपनियां’ बनाने का आरोप भी लगाया है।
इधर से उधर किया पैसा : बयान के मुताबिक, ‘इन लोगों ने कई कंपनियों की श्रृंखला का इस्तेमाल करते हुए धन को एक कंपनी से दूसरी कंपनी में स्थानांतरित किया। इस धन को पूंजी के रूप में लगाने, संपत्ति खरीदने और अन्य व्यक्तिगत उद्देश्यों के लिए भेजा गया था जबकि कर्ज देने वाले बैंकों का यह इरादा नहीं था।
जांच एजेंसी ने जांच के आधार पर दावा किया है कि बीएसएल के प्रवर्तकों, निदेशकों और अधिकारियों ने ‘जाली’ दस्तावेज तैयार किए और साख-पत्र (एलसी) में छूट के लिए बैंकों को फर्जी सूचना दी और धन को गलत इरादों से अपनी कंपनियों में वापस भेज दिया। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड और हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के पक्ष में बनाए गए फर्जी एलसी पर मिले कोष का ‘दुरुपयोग’ किया गया। इस धन को अन्य समूह/ संबद्ध कंपनियों में भेज दिया गया। जिससे भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक को नुकसान हुआ।
बीएसएल के प्रबंध निदेशक सिंगल को ईडी ने जून, 2023 में गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत के तहत जेल में है। एजेंसी ने कंपनी के पूर्व उपाध्यक्ष (बैंकिंग) पंकज तिवारी, पूर्व उपाध्यक्ष (लेखा) पंकज अग्रवाल, पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी नितिन जौहरी, सिंगल की बहन अर्चना मित्तल और बहनोई अजय मित्तल को जनवरी में गिरफ्तार किया था। इनमें से अर्चना को जमानत मिल गई है जबकि बाकी सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं।